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यूओयू को लेकर यूजीसी का बड़ा फैसला, हजारों छात्रों को झटका; जानिए

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के एक वर्ष में दो सत्र की दाखिला प्रक्रिया को यूजीसी ने अब समाप्त कर दिया है। जिससे हजारों छात्रों को झटका लगा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 29 Dec 2018 02:28 PM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 08:04 PM (IST)
यूओयू को लेकर यूजीसी का बड़ा फैसला, हजारों छात्रों को झटका; जानिए
यूओयू को लेकर यूजीसी का बड़ा फैसला, हजारों छात्रों को झटका; जानिए

देहरादून, जेएनएन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) के एक वर्ष में दो सत्र की दाखिला प्रक्रिया समाप्त कर दी है। अब विवि साल में केवल एक ही सत्र में प्रवेश देगा। जिससे हजारों छात्रों को झटका लगा है। यूओयू के प्रवेश प्रभारी ने इस आशय का पत्र शुक्रवार को विवि कुलपति, कुलसचिव एवं उच्च शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारियों को प्रेषित कर जानकारी दी। 

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अभी तक विवि दिसंबर महीने में शीतकालीन व जून महीने में ग्रीष्मकालीन सत्र में दाखिला देता था। यूओयू प्रदेशभर के ऐसे छात्र-छात्रओं का जिनका नियमित किसी राजकीय विश्वविद्यालय या निजी महाविद्यालय में प्रवेश नहीं हो पाता है, ऐसे छात्र-छात्रओं के लिए प्रदेशभर में प्राइवेट व्यवस्था के तहत दूरस्थ शिक्षा एवं परीक्षाओं का आयोजन करता था। वर्ष 2016 में उत्तराखंड सरकार द्वारा प्राइवेट व्यवस्थाओं को बंद कर दिया गया था। 

जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड मुक्त विवि को सौंपी गई थी। यूओयू सरकारी विवि होने के बावजूद विवि के कई पाठ्यक्रमों को पहले ही निरस्त किया जा चुका है। यूओयू की नियमावली के तहत ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन सत्र में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को भी झटका लगा है। अब नई नियमावली के तहत छात्र शीतकालीन सत्र में प्रवेश नहीं करा सकेंगे। विवि के 27 पाठ्यक्रमों की पहले ही मान्यता निरस्त होने और अब वर्तमान में शीतकालीन सत्र बंद होने से लगभग प्रदेशभर से एक लाख से अधिक छात्र-छात्रएं प्रभावित होंगे। 

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