Uttarakhand Assembly Budget session: उत्तराखंड विधानसभा के संक्षिप्त सत्र में 53526.97 करोड़ का बजट पारित
विधानसभा के संक्षिप्त सत्र में विनियोग विधेयक यानी बजट पारित किया गया। मुख्यमंत्री सदन में कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाये गए कदमों की जानकारी दी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी के साये में बुधवार को विधानसभा के संक्षिप्त सत्र में उत्तराखंड के नए वित्तीय वर्ष 2020-21 के 53526.97 करोड़ के बजट पर सदन की मुहर लग गई। विभिन्न विभागवार अनुदान मांगों समेत सर्वसम्मति से उत्तराखंड विनियोग विधेयक, 2020 पारित किया गया। सत्र में प्रश्नकाल और कार्यस्थगन के प्रस्तावों पर चर्चा स्थगित रखी गई। इसके साथ गैरसैंण में बेहद गर्मजोशी के साथ प्रारंभ हुआ बजट सत्र कोरोना का मुकाबला करने के संकल्प के साथ अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
नए वित्तीय वर्ष का बजट बीती चार मार्च को गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान सदन में पेश किया गया था। बीती सात मार्च को बजट पर चर्चा पूरी होने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित की गई थी। इसके बाद 25 मार्च से दो दिनी विधानसभा सत्र गैरसैंण में ही आहूत करने का निर्णय लिया गया था। इस बीच कोरोना वायरस के वैश्विक संकट ने पूरे देश के साथ उत्तराखंड को बैकफुट पर धकेल दिया है।
प्रदेश सरकार कोरोना को महामारी घोषित कर चुकी है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे से प्रदेश को बचाने के लिए सरकार की ओर से 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित कर चुके हैं। ऐसे माहौल में राज्य सरकार ने देहरादून में बजट सत्र की शेष अवधि को एक दिन में भी एक घंटे तक सीमित कर दिया। बीते रोज कार्यमंत्रणा समिति में सर्वसम्मति से उक्त फैसला लिया गया था। राज्य के इतिहास में पहली बार इसतरह संक्षिप्त सत्र में बजट पारित किया गया।
बुधवार सुबह 11 बजे नेता सदन और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मौजूदगी में सदन की कार्यवाही शुरू हुई। प्रश्नकाल और कार्यस्थगन प्रस्तावों पर चर्चा स्थगित रखते हुए संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने नए बजट की अनुदान मांगें प्रस्तुत कीं। सत्र संक्षिप्त होने की वजह से इसे समेकित प्रक्रिया (गुलोटीन पैटर्न) में सभी अनुदान मांगें एकसाथ प्रस्तुत की गईं।
कोरोना संकट की विशेष परिस्थितियों में एक-एक अनुदान मांग को अलग-अलग पढ़कर सदन में पारित कराने के बजाय सभी 31 अनुदान मांगों की 43866.11 करोड़ राशि के मतदेय बजट को सर्वसम्मति से सदन में पारित किया गया। विपक्षी विधायकों ने भी इस मौके पर सरकार को समर्थन दिया। इसके बाद उत्तराखंड विनियोग विधेयक पर भी सदन ने अपनी मुहर लगा दी। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी सदन को संबोधित किया।
विभागवार पारित बजट
निर्वाचन-55.40 करोड़, वित्त, कर, नियोजन, सचिवालय व अन्य सेवाएं-9905.69 करोड़, आबकारी-33.05 करोड़, सहकारिता-170.32 करोड़, सिंचाई-1279.21 करोड़, पर्यटन-285.45 करोड़, उद्यान-392.85 करोड़, शिक्षा-9149.24 करोड़, वन-1120.52 करोड़, पेयजल-2960.35 करोड़, कृषि-1048.10 करोड़, परिवहन-592.38 करोड़, अनुसूचित जाति कल्याण-1370.81 करोड़, अनुसूचित जनजाति कल्याण-498.63 करोड़, पशुपालन-414.34 करोड़, श्रम व रोजगार-390.23 करोड़, विधानसभा-77.62 करोड़, मंत्रिपरिषद-100.20 करोड़, न्याय प्रशासन-294.97 करोड़, सामान्य प्रशासन-1534.58 करोड़, लोक सेवा आयोग-22.73 करोड़, पुलिस व जेल-2174.33 करोड़, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण- 2477.02 करोड़, सूचना-101.29 करोड़, कल्याण योजनाएं-2014.09 करोड़, ग्राम्य विकास-2313.09 करोड़, ऊर्जा- 366.04 करोड़, लोक निर्माण कार्य-2046.55 करोड़, उद्योग-442.32 करोड़, खाद्य-234.49 करोड़।
सदन में प्रवेश करने से पहले थर्मल हुई स्क्रीनिंग
विधानसभा के बजट सत्र के बुधवार को हुए शेष उपवेशन पर कोरोना का खौफ तारी रहा। सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी विधायकों की सदन में प्रवेश करने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की गई। सदन में अधिकांश सदस्य मास्क पहने नजर आए। वहीं, कोराना वायरस के मद्देनजर सदन में अधिकारियों की संख्या बेहद सीमित रखी गई थी तो राज्यपाल और दर्शक दीर्घा भी खाली थी। मीडियाकर्मियों को भी मीडिया गैलरी में प्रवेश नहीं दिया गया। बेहद संक्षिप्त रहे सत्र में एक घंटे के भीतर बिना चर्चा के बजट पारित कराने के साथ ही राज्य में कोरोना से बचाव के मद्देनजर उठाए गए कदमों की जानकारी देने के बाद सदन अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
कोराना वायरस के संक्रमण और प्रदेश में घोषित लॉकडाउन को देखते हुए विधानसभा के बजट सत्र के शेष उपवेशन को बेहद सीमित रखने का निश्चय किया गया था। इसमें विपक्ष का भी सरकार को पूरा समर्थन मिला। यही वजह भी रही कि बजट पास करने की संवैधानिक बाध्यता को देखते हुए सत्र को सिर्फ बजट पास करने तक ही सीमित रखा गया। बुधवार को सत्र के इस उपवेशन पर कोरोना का खौफ भी साफ दिखा। विधानसभा की ओर से की गई व्यवस्था के तहत सभी विधायकों, अधिकारियों-कर्मचारियों को मुख्य गेट पर ही सेनिटाइजर के साथ ही मॉस्क उपलब्ध कराए गए।
सदन में प्रवेश करने से पहले मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष समेत सभी मंत्री-विधायकों का थर्मल स्क्रीनिंग टेस्ट किया गया। सदन के भीतर राज्यपाल दीर्घा के साथ ही दर्शक दीर्घा खाली थी। वहां किसी को प्रवेश नहीं दिया गया। मीडियाकर्मियों का प्रवेश भी मीडिया गैलरी के साथ ही विस परिसर में निषिद्ध किया गया था, ताकि भीड़-भाड़ वाली स्थिति न रहे। सदन की कार्यवाही भी संक्षिप्त रही। सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू हुई और फिर एक घंटे के भीतर बजट भी पारित हो गया। सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण की रोकथाम को उठाए गए उपायों की जानकारी सदन को दी गई तो नेता प्रतिपक्ष, विस अध्यक्ष ने सरकार के कदमों को उचित बताते हुए इस दिशा में कुछ सुझाव भी दिए।
42 सदस्य सदन में रहे मौजूद
बजट सत्र के शेष उपवेशन में सदस्यों की संख्या भी सीमित देखने में नजर आई। सदन में सत्ता पक्ष की ओर से नेता सदन, सात मंत्री व 27 विधायक मौजूद थे, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष, उपनेता प्रतिपक्ष समेत छह विधायकों के अलावा दो निर्दलीय विधायक भी सदन में उपस्थित थे। सदन में सदस्यों की कुल संख्या 71 है, जिनमें एक मनोनीत विधायक हैं।