अब आयुर्वेद विवि में नहीं होगा सरकार का हस्तक्षेप, जानिए
कैबिनेट बैठक में आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्वायत्तता में सरकार के हस्तक्षेप को मंजूरी नहीं दी गर्इ है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। तकनीकी विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेजों को अस्थायी फैकल्टी के जरिए घसीटने की कोशिशों पर अब विराम लग गया है। मंत्रिमंडल ने तीन कॉलेजों में 173 पदों को सृजित करने को मंजूरी दी है। इन पदों पर अब नियमित भर्ती का रास्ता खुल गया है। वहीं, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में कुलसचिव, उप कुलसचिव व सहायक कुलसचिव की नियुक्ति राज्य सरकार करेगी, लेकिन विश्वविद्यालय की स्वायत्तता में सरकार के हस्तक्षेप को मंत्रिमंडल ने मंजूरी नहीं दी।
तकनीकी विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेजों में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों में आउटसोर्सिग या संविदा पर भर्ती की व्यवस्था से काम चलाया जाता रहा है। हाईकोर्ट इस मामले में सख्त रुख अपना चुका है। यह मसला अब सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है। अदालत के निर्देशों के मुताबिक सरकार ने तीन संघटक कॉलेजों में महिला प्रौद्योगिकी संस्थान देहरादून के लिए 50, टीएचडीसी नई टिहरी के लिए 69 और गोपेश्वर के लिए 54 पदों के सृजन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
वहीं आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में कुलसचिव, उप कुलसचिव और सहायक कुलसचिव की नियुक्ति का अधिकार सरकार के पास रहेगा। इस संबंध में अधिनियम में संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। उक्त भर्ती संबंधित केंद्रीयत नियमावली के जरिये होंगी। साथ ही एक ओर संशोधन के जरिये विश्वविद्यालय अधिनियम में कुलसचिव, उप कुलसचिव व सहायक कुलसचिव से ही तात्पर्य को स्पष्ट करते हुए एक अन्य संशोधन को भी हरी झंडी दी गई। इससे होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए उक्त संशोधन करना पड़ा।
वहीं विश्वविद्यालय को राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर निर्देश दिए जाने के संबंध में एक्ट में संशोधन के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी नहीं दी।
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