Move to Jagran APP

इस अस्पताल में अब डॉक्टर भी हैं 'उधारी' पर, जानिए

दून मेडिकल कॉलेज में सेवाएं बदहाल हैं। इसा अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि यहां डॉक्टर तक की व्यवस्था उधारी पर चल रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 06:38 PM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 06:38 PM (IST)
इस अस्पताल में अब डॉक्टर भी हैं 'उधारी' पर, जानिए
इस अस्पताल में अब डॉक्टर भी हैं 'उधारी' पर, जानिए

देहरादून, [जेएनएन]: प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जानना हो तो कहीं दूर जाने की जरूर नहीं है। आप बस दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल चले आइए। दवा आदि की बात छोड़िए, यहां डॉक्टर तक की व्यवस्था 'उधारी' पर चल रही है। अब रेडियोलॉजी विभाग का ही हाल ले लीजिए। एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट के छुट्टी चले जाने पर आनन-फानन टिहरी से रेडियोलॉजिस्ट बुलाना पड़ा। एनेस्थीशिया का काम भी यहां जुगाड़ पर चल रहा है। दून अस्पताल में डॉक्टर टिकने को तैयार नहीं हैं। 

loksabha election banner

ताजा मामला रेडियोलॉजी विभाग का है। मंगलवार को रेडियोलॉजिस्ट डॉ. मुग्धा ने इस्तीफा दे दिया। इससे पहले विभाग में कार्यरत डॉक्टर दंपती ने भी इस्तीफा दिया था। ऐसे में अब केवल एक रेडियोलॉजिस्ट डॉ. मनोज शर्मा बचे हैं। बुधवार और गुरुवार को उन्हें टिहरी कोर्ट एवीडेंस के लिए जाना है। ऐसे में वह भी अगले दो दिन छुट्टी पर हैं। विभाग में एक भी रेडियोलॉजिस्ट न होने पर अल्ट्रासाउंड बंद करने की स्थिति आ गई। 

इसपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने महानिदेशक डॉ. तारा चंद पंत और फिर टिहरी की मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. भागीरथी जंगपांगी से बात की। टिहरी जिला अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट डॉ. यतेंद्र सिंह को तीन दिन के लिए यहां भेजने का अनुरोध किया। डीजी की सहमति पर सीएमओ ने इसकी इजाजत दे दी है। 

बता दें कि अस्पताल में रोजाना 60 से 70 अल्ट्रासाउंड होते हैं। लेकिन रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण आए दिन यहां कार्य प्रभावित रहता है। मंगलवार को एक चिकित्सक के इस्तीफा देने और दूसरे के छुïट्टी चले जाने से विकट स्थिति पैदा हो गई। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि तीन दिन टिहरी अस्पताल के डॉ. यतेंद्र सिंह अपनी सेवाएं देंगे। इधर, अस्पताल में निस्चेतक की भी भारी कमी है। इस कारण ऑपरेशन तक ठप हो गए थे। ऐसे में सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. गोविंद सिंह जंगपांगी स्वैच्छिक सेवाएं दे रहे हैं। 

कॉलेज प्रशासन भी जिम्मेदार 

एक के बाद एक रेडियोलॉजिस्ट के नौकरी छोडऩे के पीछे मेडिकल कॉलेज प्रशासन का रवैया भी जिम्मेदार है। बताया गया कि पूर्व में नौकरी छोड़ने वाले डॉक्टर दंपती ने शाम के समय बाहर प्रैक्टिस की अनुमति चाही थी। पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत एक चिकित्सक दो जगह अपनी सेवाएं दे सकता है। पर उन्हें अनुमति नहीं दी गई। वहीं, हाल ही में छोड़कर गई डॉक्टर हरिद्वार की रहने वाली थीं। उन्होंने यहां हॉस्टल सुविधा मांगी थी। पर उन्हें कमरा उपलब्ध नहीं कराया गया। 

यह भी पढ़ें: डायलिसिस में मिला 'आयुष्मान' का वरदान, जानिए कैसे

यह भी पढ़ें: स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कसी कमर, अभी करना पड़ेगा इंतजार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.