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Indo China Border: भारत-चीन सीमा पर निम और आइटीबीपी का अहम अभियान, ये कीर्तिमान किया स्थापित

निम और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पेट्रोलिंग कम माउंटेनियरिंग अभियान चलाया गया। इस अभियान में संयुक्त टीम ने छह दिन में छह हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाली छह चोटियों का आरोहण करने का कीर्तिमान स्थापित किया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 09:52 PM (IST)
Indo China Border: भारत-चीन सीमा पर निम और आइटीबीपी का अहम अभियान, ये कीर्तिमान किया स्थापित
निम और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ने एलएसी पर चलाया।

उत्तरकाशी, जेएनएन। नेहरु पर्वतारोहण संस्थान और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पेट्रोलिंग कम माउंटेनियरिंग अभियान चलाया गया। इस अभियान में संयुक्त टीम ने छह दिन में छह हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाली छह चोटियों का आरोहण करने का कीर्तिमान स्थापित किया है। एलएसी पर स्थित इन सभी छह चोटियों का आरोहण भी पहली बार हुआ। 

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नेलांग घाटी स्थिति एलएसी के मुलिंग्ला से लेकर माणा तक 75 किलोमीटर की पेट्रोलिंग भी इस दल ने की है। यह अभियान निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट और आइटीबीपी की डीआइजी अपर्णा कुमार के संयुक्त नेतृत्व में चलाया गया। आइटीबीपी के डीजी एसएस देशवाल ने इस सफल अभियान को लेकर टीम के सभी सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सामरिक महत्व के इस महत्वपूर्ण अभियान की सफलता निश्चित रूप से बड़ी सफलता है। भारत-चीन सीमा पर वास्तवित नियंत्रण रेखा पर नये आयाम हासिल करने के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान ने आइटीबीपी के साथ एक माउंटेनियरिंग अभियान की तैयारी की, जो भारत-चीन सीमा के अंतर्गत एलएसी पर पेट्रोलिंग कम माउंटेनियरिंग अभियान के रूप में चलाया गया। 

उत्तरकाशी जनपद के अंतर्गत एलएसी पर पड़ने वाले मुलिंग्ला से 19 सितंबर को यह अभियान शुरू किया गया। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि विश्व पर्वतारोहण के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि 5500 मीटर से 6000 मीटर के एलएसी क्षेत्र में भारतीय दल द्वारा पेट्रोलिंग के साथ-साथ छह पर्वतों का सफलतापूर्वक आरोहण किया गया, जिससे क्षेत्र में भारतीय दल ने भौतिक निरीक्षण और सामरिक महत्व को समझा गया। 15 दिनों तक चले इस अभियान का समापन चमोली जनपद के माणा पास में किया गया। 

उन्होंने कहा कि इस अभियान दल ने सामरिक महत्व के क्षेत्र में स्थित छह चोटियों का भारतीय सीमा की ओर से सीमांकन और रूट ओपनिंग कर दिया है, जिससे भविष्य में भारत और चीन के मध्य कई मामलों में इसका सन्दर्भ लिया जायेगा। आइटीबीपी के आइजी निलाभ किशोर ने इस दुर्लभ सफलता पर अपनी खुशी व्यक्त की। साथ ही सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र की सूचनाओं के संकलन पर सभी को बधाई दी।

दल में ये थे शामिल 

इस संयुक्त अभियान दल में आइटीबीपी की डीआइजी, निम के प्रधानाचार्य के अलावा भारत तिब्बत सीमा पुलि की ओर से 2 अधिकारी, 4 जेसीओ और 12 अन्य रैंक के सदस्य थे। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की ओर से एक अधिकारी, एक जेसीओ के साथ ही एक अन्य रैंक का सदस्य शामिल था। 

एलएसी पर स्थित इन चोटियों का किया सफल आरोहण 

अनाम पर्वत (6129 मीटर), स्वरूप चोटी (6100 मीटर), अनाम पर्वत(6007 मीटर), अनाम पर्वत (6075 मीटर) अनाम पर्वत (6030 मीटर) अनाम पर्वत (6025 मीटर)। 

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ये हैं महत्वपूर्ण बिंदु 

कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि एलएसी पर पेट्रोलिंग कम माउंटेनियरिंग अभियान में महत्वपूर्ण बिंदु ये हैं कि इस अभियान में संयुक्त रूप से छह सदस्यों ने छह दिनों में छह चोटियों का आरोहण किया। ये बात भी खास है कि ये सभी चोटियां छह हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाली हैं और सभी चोटियों का पहली बार आरोहण किया गया है। पर्वतारोहण के इतिहास में पेट्रोलिंग के साथ माउंटेनियरिंग का यह सबसे पहला अभियान है।

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