उत्तराखंड में प्रवर्तन सिपाहियों की नई नियमावली जल्द होगी लागू, पढ़िए पूरी खबर
परिवहन विभाग में कार्यरत प्रवर्तन सिपाहियों की नई सेवा नियमावली के जल्द अस्तित्व में आने की उम्मीद है। इस नियमावली में प्रवर्तन सिपाही से प्रवर्तन पर्यवेक्षक और प्रवर्तन सुपरवाइजर की पदोन्नति के नियम बनाए गए हैं। जल्द ही यह नियमावली कैबिनेट में लाई जा सकती है।
देहरादून, जेएनएन। परिवहन विभाग में कार्यरत प्रवर्तन सिपाहियों की नई सेवा नियमावली के जल्द अस्तित्व में आने की उम्मीद है। इस नियमावली में प्रवर्तन सिपाही से प्रवर्तन पर्यवेक्षक और प्रवर्तन सुपरवाइजर की पदोन्नति के नियम बनाए गए हैं। जल्द ही यह नियमावली कैबिनेट में लाई जा सकती है। परिवहन विभाग में प्रवर्तन का कार्य न केवल आय का प्रमुख जरिया है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने में भी उसकी अहम भूमिका है। सरकार ने विभाग में कुछ समय पहले प्रवर्तन संवर्ग में पदोन्नति के लिए प्रवर्तन सीनियर सुपरवाइजर नाम से नया पद सृजित किया था।
दरअसल, पहले प्रवर्तन संवर्ग में पदोन्नति का एक ही पद था। यह पद प्रवर्तन पर्यवेक्षक का था। इस पद पर पदोन्नति प्रवर्तन सिपाही अथवा प्रवर्तन चालक पद से होती है। इसके बाद इनके पास पूरी सेवा में पदोन्नति के कोई और अवसर नहीं था। पर्यवेक्षक के पद भी बेहद सीमित थे, इस कारण कई बार एक कर्मचारी प्रवर्तन सिपाही के पद पर भर्ती होकर इसी पद पर सेवानिवृत्त भी हो जाता है। इस विसंगति पर प्रवर्तन सिपाही लंबे समय से मुखर थे। वे पदोन्नति के अधिक अवसर के लिए नए पदों के सृजन की मांग कर रहे थे।
हाईकोर्ट ने भी कुछ समय पहले प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए प्रवर्तन के कार्यों को बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए हर ब्लॉक में एक प्रवर्तन दल स्थापित करने को कहा गया। प्रवर्तन विभाग ने इस पर प्रस्ताव शासन को भेजा। शासन से मिली अनुमति के बाद विभाग ने प्रवर्तन सिपाहियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही सीनियर सुपरवाइजर का नया पद भी सृजित किया। सीनियर सुपरवाइर पद पर पदोन्नति प्रवर्तन पर्यवेक्षक पद के बाद होनी है।
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इन सबकी पदोन्नति किस नियम से होगी, इनकी पात्रता क्या होगी, इसके लिए पुरानी नियमावली में संशोधन किया जाना है। परिवहन मुख्यालय द्वारा इस नियमावली में संशोधन कर दिया गया है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि प्रवर्तन सिपाही से प्रवर्तन पर्यवेक्षक पद पर पहली पदोन्नति भर्ती के छह साल बाद और फिर प्रवर्तन पर्यवेक्षक पद पर पांच साल की सेवा पूरी होने के बाद प्रवर्तन सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति की जाएगी। इसके अलावा नियमावली में दंड आदि का प्रविधान भी किया गया है।
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