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उत्तराखंड के इन चार जिलों में बनेंगे यातायात कार्यालय, जानिए

बढ़ते यातायात को देखते हुए ट्रैफिक विभाग ने प्रदेश के चार जिलों में अलग से यातायात कार्यालय खोलने की योजना बनाई है। तपोवन उत्तरकाशी कोटद्वार व काठगोदाम में यातायात कार्यालय खोले जाएंगे। अभी तक देहरादून हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिलों में यातायात कार्यालय अलग से बने हुए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 12:50 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 12:50 PM (IST)
उत्तराखंड के इन चार जिलों में बनेंगे यातायात कार्यालय, जानिए।

देहरादून, सोबन सिंह गुसांई। प्रदेश में बढ़ते यातायात को देखते हुए ट्रैफिक विभाग ने प्रदेश के चार जिलों में अलग से यातायात कार्यालय खोलने की योजना बनाई है। तपोवन, उत्तरकाशी, कोटद्वार व काठगोदाम में यातायात कार्यालय खोले जाएंगे। अभी तक देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिलों में यातायात कार्यालय अलग से बने हुए हैं, जबकि अन्य जनपदों में यातायात कार्यालय अस्थायी तौर पर चल रहे हैं।

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पहाड़ी जिलों में अभी वाहनों के चालान करने का काम थाने और पुलिस चौकी ही देख रही हैं। ऐसे में नागरिक पुलिस को कानून व्यवस्था के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी भी खुद ही करनी पड़ती है। इसी बात को देखते हुए प्रदेश में ट्रैफिक विभाग में 312 पदों पर भर्ती होने जा रही है। इसमें 98 सब इंस्पेक्टर, 206 कॉन्स्टेबल और आठ टेक्नीशियन शामिल हैं। भर्ती होने के बाद ट्रैफिक पुलिस का अलग ही विंग बन जाएगा।

बड़े जिलों में गठित होगी हाईवे पेट्रोलिंग की टीम

ट्रैफिक विभाग की ओर से बड़े जिलों में हाईवे पेट्रोलिंग टीम गठित करने की भी योजना बनाई गई है। मौजूदा समय में हाईवे पर होने वाले हादसों पर बचाव कार्य के लिए चीता पुलिस को भेजा जाता है। कई बार पुलिस के देरी से पहुंचने पर कई व्यक्तियों की जान तक चली जाती है। पेट्रोलिंग की अलग टीम गठित होने पर टीम का काम सिर्फ हाईवे पर हादसे होने पर तुरंत मौके पर पहुंचना होगा।

पहाड़ी जिलों में लगेंगी ट्रैफिक लाइटें, 4.20 करोड़ मंजूर

सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ने के चलते विभाग अब पहाड़ी जिलों में भी ट्रैफिक लाइटें लगाने जा रहा है। इसकी शुरुआत नैनीताल और ऊधमसिंहनगर से होगी। इसके लिए शासन की ओर से 4.20 करोड़ रुपये मंजूर भी हो चुके हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ट्रैफिक लाइटों में कोई तकनीकी दिक्कतें आने पर अब विभाग के टेक्निशियन ही लाइटों का रख-रखाव करेंगे। इससे पहले लाइटें खराब होने पर लंबे समय तक ठीक नहीं किया जाता था। मौजूदा समय में विभाग के पास प्रदेश भर में सिर्फ एक ही टेक्निशियन है। ऐसे में बाहरी संस्थाओं से काम करवाना पड़ता है।

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यातायात निदेशक केवल खुराना ने बताया कि जिस तरह दिन प्रतिदिन सड़कों का यातायात का दबाव बढ़ रहा है, उसी को देखते हुए चार जनपदों में अलग से यातायात कार्यालय खोलने की योजना बनाई गई है। शासन की ओर से ट्रैफिक विभाग में 312 पदों पर भर्ती करने की मंजूरी दी गई है। उम्मीद है कि जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

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