Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऑनलाइन पढ़ाई में नेटवर्क बन रहा रोड़ा, दूरस्थ गांवों में भला कैसे पहुंचेगी शिक्षा

    नरेंद्रनगर प्रखंड के दोगी पट्टी क्षेत्र के 50 फीसद गांवों में ऑनलाइन कक्षाएं तो दूर मोबाइल नेटवर्क तक नहीं है।

    By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 09 May 2020 04:34 PM (IST)
    ऑनलाइन पढ़ाई में नेटवर्क बन रहा रोड़ा, दूरस्थ गांवों में भला कैसे पहुंचेगी शिक्षा

    ऋषिकेश, जेएनएन। लॉकडाउन के चलते ऑनलाइन कक्षाओं के लिए स्कूलों को प्रेरित किया जा रहा है। कई स्कूलों ने यह व्यवस्था शुरू भी की है और अधिकांश बच्चे ऑनलाइन शिक्षा का लाभ ले रहे हैं। इस सबके बीच नरेंद्रनगर प्रखंड के दोगी पट्टी क्षेत्र के 50 फीसद गांवों में ऑनलाइन कक्षाएं तो दूर मोबाइल नेटवर्क तक नहीं है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दोगी पट्टी के मिंडाथ, सस्मण, पुर्वाला, लोयल, घिघुड़, बांसकाटल, सिलकणी, नाही, गोगांव जैसे बड़ी आबादी वाले गांवों में शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य सरदार सिंह पुंडीर ने बताया कि मोबाइल नेटवर्क की समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया है। कुछ समय पूर्व तहसील दिवस पर भी जिलाधिकारी को इस संबंध में शिकायत दी गयी। मगर, अभी तक क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है। पौड़ी जनपद के यमकेश्वर प्रखंड स्थित कई गांवों में मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई में बांधा पहुंच रही है।

    एसबीएम इंटर कॉलेज ने शुरू की ऑनलाइन कक्षाएं

    ऋषिकेश क्षेत्र में छात्रसंख्या के लिहाज से सबसे बड़े इंटर कालेज श्री भरत मंदिर इंटर कालेज ने लॉकडाउन को देखते हुए ऑनलाइन क्लासेज शुरू की हैं। विद्यालय के अधिकांश छात्र-छात्राएं ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ ले रहे हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य मेजर गोविन्द ङ्क्षसह रावत ने बताया कि विद्यालय के बच्चों को कक्षा के आधार पर ग्रुप बनाये गये हैं। जिसमें बोर्ड के परीक्षार्थीयों को छोड़कर शेष सभी छात्र छात्राओं को ऑनलाइन से जोड़ने का प्रयास किया गया है। 

    यह भी पढ़ें: ऑनलाइन पढ़ाई की अनदेखी करने पर कॉलेजों और शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

    विद्यालय के शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन गृह कार्य दिया जा रहा है और साप्ताहिक निरीक्षण भी ऑनलाइन ही किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी के संकट मे विद्यालय के एनसीसी कैडेट, एनएसएस के स्वयं सेवी और स्काउट गाइड अपने अपने स्तर से स्वनिर्मित मास्क के निर्माण एवं विभिन्न कलाओं आर्ट चित्रकारी के माध्यम से लोगों मे कोरोना से बचाव के लिए समय समय पर जन जागृति मे सहयोग दे रहे हैं। 

    यह भी पढ़ें: एआइएपीजीईटी के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, उम्मीदवार इस वेबसाइट पर करें ऑनलाइन आवेदन