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रिस्पना और बिंदाल नदी की सूरत संवारने का जिम्मा एनबीसीसी को

एमडीडीए की 97वीं बोर्ड बैठक में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) का चयन कर लिया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 08:53 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 08:48 PM (IST)
रिस्पना और बिंदाल नदी की सूरत संवारने का जिम्मा एनबीसीसी को
रिस्पना और बिंदाल नदी की सूरत संवारने का जिम्मा एनबीसीसी को

देहरादून, जेएनएन। गंदगी से मरणासन्न हालत में पहुंच चुकी रिस्पना व बिंदाल नदी की सूरत संवारने की जो कवायद वर्ष 2010 से चल रही है, उसके अब जाकर धरातल में उतरने की उम्मीद बढ़ी है। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की 97वीं बोर्ड बैठक में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था के रूप में नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) का चयन कर लिया गया है। इसका प्रस्ताव पास कर शासन को भेजा जाएगा और चंद दिनों के भीतर इस पर मुहर लगते ही एनबीसीसी पालयट प्रोजेक्ट के रूप में रिस्पना व बिंदाल नदी के 3.4 किलोमीटर हिस्से का कायाकल्प करने का काम शुरू कर देगी।

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एमडीडीए के उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर करीब 750 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। अच्छी बात यह है कि यह पूरा खर्च एनबीसी स्वयं वहन करेगी। केंद्र सरकार का यह उपक्रम बीओटी (बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर) मोड में काम करेगा। जब परियोजना की डीपीआर बन जाएगी, उसके बाद तय किया जाएगा कि कंपनी को कितने साल के लिए परियोजना के संचालन की जिम्मेदारी देनी है। इसके साथ ही अगले चरण में दोनों नदी के पूरे 36 किलोमीटर के दोनों किनारों पर विकास कार्य किए जाएंगे। 

पायलट प्रोजेक्ट में इन हिस्सों का होगा विकास

रिस्पना नदी: धोरण पुल से बाला सुंदरी मंदिर के निकटवर्ती पुल तक 1.2 किलोमीटर भाग।

बिंदाल नदी: हरिद्वार बाईपास पर बने पुल से चांचक पुल तक 2.2 किलोमीटर भाग।

इस तरह संवरेंगे नदी किनारे

चयनित क्षेत्र में दोनों किनारों को विकसित किया जाएगा और सड़क का निर्माण किया जाएगा। नदी में गिर रही गंदगी को टेप किया जाएगा। साथ ही हरियाली क्षेत्र विकसित कर साइकल ट्रैक, फुटपाथ, रिटेनिंग वॉल, चैक डैम, वर्षा जल निकासी की व्यवस्था, आवासीय व कमर्शियल परियोजना निर्माण, पुल निर्माण, मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, थीम पार्क आदि के काम किए जाएंगे।

रेलवे स्टेशन के कायाकल्प को भी कंपनी का चयन

एमडीडीए की बोर्ड बैठक में देहरादून रेलवे स्टेशन के कायाकल्प (रिडेवलपमेंट) की योजना के लिए कंपनी का चयन कर लिया गया है। इसकी जिम्मेदारी आरएलडीए का चयन किया गया। साथ ही कंपनी कुल परियोजना लागत की 5.8 फीसद राशि (जीएसटी के अतिरिक्त) का भुगतान भी एमडीडीए को करेगी। यह राशि करीब 29 करोड़ रुपये होगी। एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे स्टेशन के कायाकल्प के लिए रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ नौ अक्टूबर 2018 को अनुबंध कर लिया गया था। अब कंपनी परियोजना की डीपीआर तैयार करेगी और फिर उसके अनुसार रेलवे स्टेशन को आधुनिक रूप देने का काम शुरू किया जाएगा। 

 

दून के बाहर सिर्फ 21 मीटर ऊंचे होंगे भवन

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की बोर्ड बैठक में विलय से पूर्व के दून घाटी विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) क्षेत्रों में भी फुटहिल जोन तय कर दिए गए हैं। इन क्षेत्रों में फुटहिल के मानक लागू होंगे और यहां मैदानी क्षेत्रों से इतर भवनों की अधिकतम ऊंचाई 30 मीटर की जगह 21 मीटर ही होगी।

सोमवार को मंडलायुक्त रविनाथ रमन की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड बैठक में फुटहिल जोन पर मुहर लगाई गई। इसके अलावा बोर्ड ने आइएसबीटी स्थित हरिद्वार बाईपास रोड से लगती हुई रिक्त 17461.83 वर्गमीटर भूमि पर निर्माण पर भी मुहर लगाई गई। इस भूमि पर एमडीडीए एक होटल के निर्माण के साथ ही कन्वेंशन सेंटर का भी निर्माण करेगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि प्राधिकरण में निष्ठा व लग्न के साथ काम करने वाले जिस एक अधिकारी या कर्मचारी का चयन अध्यक्ष ट्रॉफी के लिए किया जाता है, उन्हें प्रोत्साहन के रूप में 21 हजार रुपये की नकद राशि दी जाएगी। बैठक में उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव, सचिव जीसी गुणवंत, एसएल सेमवाल, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रामजी शरण शर्मा, वित्त विभाग के अनुसचिव प्रकाश तिवारी, मुख्य नगर नियोजक टी लेप्चा, उप सचिव सोमपाल, सहायक नगर आयुक्त संजय कुमार आदि उपस्थित रहे।

ये क्षेत्र फुटहिल का हिस्सा

- सहसपुर सेक्टर सीमा के बाद शीतला नदी के उत्तरी क्षेत्र व लांघा-डाकपत्थर मार्ग का पूर्वी भाग।

- भाऊवाला से तिलवाड़ी जाने वाले मार्ग व सुसवा नदी का उत्तरी पूर्वी भाग।

- सौंग नदी के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र, जो कि थानो-जौलीग्रांट मार्ग के उत्तरी पूर्वी भाग।

- थानों-रानीपोखरी मार्ग के बाद व रानीपोखरी सेक्टर सीमा के बाद के पूर्वी क्षेत्र।

आइएसबीटी परियोजना के फ्लैट्स पर जारी रहेगी छूट

प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में आइएसबीटी में निर्माणाधीन एचआइजी व एमआइजी के रिक्त फ्लैट पर छूट 31 दिसंबर तक जारी रहेगी। एमडीडीए ने नवरात्र व दीपावली पर एचआइजी पर एक लाख रुपये व एमआइजी पर 75 हजार रुपये की छूट शुरू की थी। 

रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना का खराब रहा अनुभव

रिवर फ्रंट डेवपलमेंट परियोजना को लेकर दून का अनुभव अच्छा नहीं रहा। पहले तय किया गया था कि परियोजना का निर्माण पूरे 36 किलोमीटर भाग पर किया जाएगा। इसके बाद इसके पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 3.4 किलोमीटर भाग पर करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही पूर्व की कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) से काम भी छीन लिया गया था। हालांकि, तब तक निगम कुछ हिस्सों पर 45 करोड़ रुपये के पुश्ते लगा चुका था। 

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निगम ने वर्ष 2016-17 में रिस्पना व बिंदाल नदी पर विभिन्न क्षेत्रों में दोनों तरफ बड़े-बड़े आकार के पुश्ते लगाए गए थे। एक तरह से यह कवायद नदी के किनारों को सुरक्षित रखने के मकसद से की गई थी। इस काम में करीब 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। हालांकि, इसके बाद इस काम को बीच में ही रोकना पड़ गया। आधे-अधूरे काम का यह असर पड़ा कि सालभर के भीतर ही पुश्ते ढहने लगे। बीच में एमडीडीए ने जरूर इनकी मरम्मत कराई थी, मगर हालात अभी भी चिंताजनक ही हैं। यदि जल्द काम को शुरू नहीं किया गया तो एक-एक कर करोड़ों रुपये के यह पुश्ते इसी तरह ढहते रहेंगे। ऐसे में अब तक की कवायद सिर्फ बजट खपाने तक सीमित रही। अब एमडीडीए ने नए सिरे से उम्मीद जगाई है और माना जा रहा है कि पुरानी खामियों से सीख लेकर धरातल पर कुछ बेहतर काम नजर आएंगे।

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