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देवभूमि उत्तराखंड में गंगा बॉक्स पाठ्यक्रम का हिस्सा, पढ़िए पूरी खबर

उत्तराखंड में अगले शैक्षणिक सत्र से कक्षा छह से 12 तक के विद्यार्थी राष्ट्रीय नदी गंगा के एंबेसडर बनेंगे। गंगा बॉक्स को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा।

By Edited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 02:44 PM (IST)
देवभूमि उत्तराखंड में गंगा बॉक्स पाठ्यक्रम का हिस्सा, पढ़िए पूरी खबर
देवभूमि उत्तराखंड में गंगा बॉक्स पाठ्यक्रम का हिस्सा, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, केदार दत्त। देवभूमि उत्तराखंड में अगले शैक्षणिक सत्र से कक्षा छह से 12 तक के विद्यार्थी राष्ट्रीय नदी गंगा के एंबेसडर बनेंगे। साथ ही वे तमाम गतिविधियों के जरिये न सिर्फ गंगा को समझेंगे, बल्कि इसके संरक्षण को जनजागरण में जुटेंगे। यह संभव होगा जर्मनी की डेन्यूब नदी की तर्ज तैयार ट्रेनिंग मॉड्यूल 'गंगा बॉक्स' से। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) और जर्मन सरकार की संस्था जीआइजेड (जर्मन इंटरनेशनल कोआपरेशन) की इस पहल को पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में धरातल पर उतारा जा रहा है। इस क्रम में उत्तराखंड के चयनित स्कूलों के शिक्षकों की ट्रेनिंग इस माह के आखिर में देहरादून में होगी। प्रशिक्षण के अन्य दौर भी चलेंगे, जिनमें विद्यार्थी भी शामिल होंगे। इसके बाद गंगा बॉक्स को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा।

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राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता व निर्मलता को केंद्र सरकार गंभीरता से जुटी है। इस क्रम में एनएमसीजी की नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा से सटे शहरों में सीवरेज निस्तारण और गंदे नालों की टैपिंग से जुड़े कार्य चल रहे हैं। उत्तराखंड में भी गंगा के उद्गम गोमुख से लेकर हरिद्वार तक के 15 शहरों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट व नालों की टैपिंग के कार्य अब अंतिम चरण में हैं। जनजागरण के कार्यक्रम भी संचालित हो रहे हैं। अब इस दिशा में 'गंगा बॉक्स' की बड़ी पहल होने जा रही है।

क्या है 'गंगा बॉक्स'

जर्मनी की डेन्यूब नदी भी एक दौर में प्रदूषित थी। इसे साफ-सुथरा करने को जर्मन सरकार ने ठीक वैसी ही मुहिम चलाई जैसी गंगा स्वच्छता को लेकर चल रही है। इसके तहत डेन्यूब नदी को स्कूलों से जोड़ा गया। इसे नाम दिया गया 'डेन्यूब बॉक्स'। अब इसी तर्ज पर मिशन क्लीन गंगा के तहत गंगा बॉक्स बनाया गया है। भारत में जीआइजेड की तकनीकी विशेषज्ञ डॉ.अंजना पंत बताती हैं कि यह गतिविधि आधारित मॉडयूल है। इसमें विद्यार्थियों को न सिर्फ गंगा से जोड़ा जाएगा, बल्कि वे तमाम गतिविधियों के जरिए गंगा को जानेंगे, समझेंगे। इसके लिए सरल व रोचक सामग्री तैयार की गई है। बच्चे एंबेसडर बनकर अन्य लोगों को गंगा की निर्मलता के लिए प्रेरित करेंगे। इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए शिक्षा विभाग को इसमें शामिल किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में गंगा बॉक्स के संबंध में एनएमसीजी व जीआइजेड के बीच एमओयू हो चुका है।

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ऐसे चलेगी मुहिम

प्रदेश में 'गंगा बॉक्स' कार्यक्रम को राज्य परियोजना प्रबंधन समूह यानी एसपीएमजी (नमामि गंगे) व शिक्षा विभाग के समन्वय से धरातल पर उतारा जाएगा। जीआइजेड के राज्य समन्वयक मिराज अहमद बताते हैं कि हाल में गंगा बॉक्स की लांचिंग दिल्ली में हुई। इस मौके पर राज्य के 20 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व 40 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई। अगले दौर का प्रशिक्षण इस माह के आखिर से शुरू होंगे।

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