Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आसान नहीं नंदा देवी चोटी को पर्वतारोहण के लिए खोलने की राह, वन व‍िभाग ने शासन को द‍िया ये सुझाव

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 08:20 PM (IST)

    चमोली जिले में स्थित नंदा देवी पर्वत को पर्वतारोहण के लिए खोलने की राह आसान नहीं है। वन विभाग ने पारिस्थितिकीय प्रभाव का अध्ययन कराने के बाद ही केंद्र को प्रस्ताव भेजने का सुझाव दिया है। 1983 से पर्वत पर पर्वतारोहण प्रतिबंधित है। राज्य सरकार ईको टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है जबकि पर्वतारोहण संस्थान चोटी को खुलवाने का आग्रह कर रहा है।

    Hero Image
    चमोली जिले में स्थित देश की दूसरी सबसे ऊंची चोटी नंदा देवी।- फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो,  देहरादून। चमोली जिले में स्थित देश की दूसरी सबसे ऊंची चोटी नंदा देवी (7817 मीटर) को पर्वतारोहण के लिए खोलने की राह अभी आसान नहीं है। वन विभाग ने शासन को सुझाव दिया है कि पारिस्थितिकीय प्रभाव का वैज्ञानिक अध्ययन कराने के बाद ही इसे साहसिक पर्यटन गतिविधियों के लिए खोलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धार्मिक महत्व और नाजुक पारिस्थितिकीय तंत्र का हवाला देते हुए वर्ष 1983 में नंदा देवी पर्वत में पर्वतारोहण और साहसिक पर्यटन गतिविधियां प्रतिबंधित कर दी गई थीं। यह पर्वत श्रीनंदा राजजात से भी ताल्लुक रखता है।

    राज्य सरकार प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भी ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। इस बीच भारतीय पर्वतारोहण संस्थान ने सरकार से आग्रह किया कि नंदा देवी चोटी को पर्वतारोहण व साहसिक पर्यटन सबंधी गतिविधियों के लिए खुलवाने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाए। इसके बाद शासन ने इसकी संभावना तलाशने की दिशा में कदम बढ़ाए।

    इस सिलसिले में वन विभाग से पिछले 10 वर्षों की स्थिति का अध्ययन कर विभिन्न बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई थी। विभाग की ओर से शासन को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि गौरीगंगा और ऋषिगंगा घाटियों के मध्य स्थित इस पर्वत पर वर्ष 1983 से पहले पर्वतारोहण के कुछेक अभियान ही हुए। इसके पीछे बेहद जटिल भूगोल को कारण बताया गया।  विभाग ने सुझाव दिया है कि नंदा देवी पर्वत के पारिस्थितिकी प्रभाव का वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन कराया जाना श्रेयस्कर होगा।

    सूत्रों के अनुसार हाल में ही राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक आरके मिश्र ने यह रिपोर्ट शासन को सौंपी है, जिस पर मंथन चल रहा है। 83 चोटियों का प्रचार-प्रसार करेगा विभाग राज्य में वर्तमान में 83 चोटियां पर्वतारोहण, ट्रेकिंग समेत साहसिक पर्यटन गतिविधियों के लिए खुली हैं। बावजूद इसके इनमें साल में 12-13 अभियान ही हो पाते हैं। इसे देखते हुए वन विभाग अब इन चोटियों को लेकर भी व्यापक प्रचार-प्रसार की योजना बना रहा है।

    यह भी पढ़ें- सीएम धामी ने आंबेडकर समाज कल्याण बहुउद्देशीय रथ को किया रवाना, 125 दिनों में 240 शिविर लगाएगा