102 सहकारी समितियों को एक फीसद ब्याज पर ऋण, पढ़िए पूरी खबर
कृषि और सहकारिता क्षेत्र के लिए रविवार को लांच किए गए कृषि अवसंरचना कोष के तहत एक लाख करोड़ की वित्तीय सहायता योजना में उत्तराखंड को भी सौगात मिली है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कृषि और सहकारिता क्षेत्र के लिए रविवार को लांच किए गए कृषि अवसंरचना कोष (एआइएफ) के तहत एक लाख करोड़ की वित्तीय सहायता योजना में उत्तराखंड को भी सौगात मिली है। देशभर की जिन 2200 बहुद्देश्यीय सहकारी समितियों को इसमें शामिल किया गया है, उनमें राज्य की 102 समितियां भी हैं। इन्हें दो करोड़ रुपये तक के ऋण मुहैया कराए जाएंगे। कृषि से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने पर उन्हें यह ऋण सिर्फ एक फीसद ब्याज दर पर उपलब्ध होगा। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने इस संबंध में सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी है।
नाबार्ड के देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में रविवार को नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील चावला ने राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक बीएम मिश्र को 102 समितियों के लिए ऋण मुहैया कराने के मद्देनजर सैद्धांतिक मंजूरी का पत्र सौंपा। इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत भी मौजूद थे। योजना में शामिल बहुद्देश्यीय समितियों को कृषि प्रसंस्करण केंद्र, भंडारण समेत अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए नाबार्ड से राज्य सहकारी बैंक को तीन फीसद ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराएगा। इसके बाद जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से समितियों को चार फीसद ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा। एआइएफ के तहत इन समितियों के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर उन्हें तीन फीसद का ब्याज अनुदान भी मिलेगा। इस प्रकार समितियों को यह ऋण केवल एक फीसद की ब्याज दर पर उपलब्ध हो सकेगा।
इस मौके पर सहकारिता राज्यमंत्री डॉ. रावत ने कहा कि एआइएफ की लांचिंग से किसानों के आत्मनिर्भर बनने के द्वार खुल गए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे समितियों से डीपीआर मिलेगी, वैसे-वैसे नाबार्ड धनराशि जारी करेगा। प्रथम चरण में राज्य की 670 में से 102 बहुद्देश्यीय समितियों को इसमें लिया गया है। द्वितीय चरण में अन्य समितियां भी जुड़ेंगी। इससे किसानों को उपज का बेहतर दाम मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि राज्य में वर्ष 2017 में सभी प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों को बहुद्देश्यीय में उच्चीकृत कर दिया गया था। वर्तमान में इनके कंप्यूटरीकरण का कार्य चल रहा है। इसके पूर्ण होने पर समितियों के कंप्यूटरीकरण के मामले में तेलंगाना के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य हो जाएगा।
योजना में शामिल बहुद्देश्यीय समितियां
- जिला-----------संख्या
- पौड़ी-------------20
- टिहरी-----------12
- पिथौरागढ़------12
- चमोली----------11
- देहरादून---------11
- उत्तरकाशी------10
- ऊधमसिंहनगर--10
- अल्मोड़ा----------06
- हरिद्वार----------05
- नैनीताल-----------05
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