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नगर निगम ऋषिकेश ने चंद्रभागा नदी में सौ से अधिक झुग्गी झोपड़ियां तोड़ी

उच्च न्यायालय के आदेश पर नगर निगम ऋषिकेश ने चंद्रभागा नदी में वर्षों से बसी झुग्गी झोपड़ियों को जमींदोज कर दिया।

By Edited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 10:13 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 07:37 AM (IST)
नगर निगम ऋषिकेश ने चंद्रभागा नदी में सौ से अधिक झुग्गी झोपड़ियां तोड़ी
नगर निगम ऋषिकेश ने चंद्रभागा नदी में सौ से अधिक झुग्गी झोपड़ियां तोड़ी

ऋषिकेश, जेएनएन। उच्च न्यायालय के आदेश पर नगर निगम ऋषिकेश ने चंद्रभागा नदी में वर्षों से बसी झुग्गी झोपड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की। इस दौरान सौ से अधिक झुग्गी-झोपड़ियों सहित यहां हुए पक्के निर्माणों को नगर निगम की जेसीबी ने जमींदोज कर दिया। हालांकि अभी यहां बीस प्रतिशत अवैध निर्माण ही ध्वस्त हो पाया है। गंगा की सहायक नदी चंद्रभागा में बसी इस अवैध बस्ती को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने भी गंभीरता से लेते हुए नगर निगम को नदी में बसी बस्ती को खाली कराने के सख्त आदेश जारी किये थे।

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ऋषिकेश निवासी अनिल कुमार गुप्ता की जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद इन दिनों नगर निगम ऋषिकेश में नगर निगम की भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के अभियान में जुटा है। इसी क्रम में शनिवार को नगर निगम ने चंद्रभागा नदी में बसी अवैध बस्ती के खिलाफ कार्रवाई की। यहां नगर निगम की ओर से 261 अतिक्रमण पूर्व में चिह्नित  किए गए थे, जबकि भौतिक रूप से यहां अतिक्रमण की संख्या इससे भी कई अधिक है। एनजीटी द्वारा गंगा की स्वच्छता को गठित समिति ने भी पूर्व में चंद्रभागा नदी पर हुए इस अतिक्रमण को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम को शीघ्र यह बस्ती खाली कराने के आदेश दिये थे। जिसके बाद करीब एक माह पूर्व नगर निगम ने चंद्रभागा नदी के दोनों किनारे बसी अवैध बस्ती में 261 लोगों को यहां से झोपड़ियों व निर्माण हटाने का नोटिस जारी किया था।

नोटिस जारी करने के बाद इनकी सुनवाई भी की गयी थी। हाल में ही अतिक्रमण के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के साथ नगर निगम ने शुक्रवार तक हर हाल में यहां से अतिक्रमण हटाने के लिए मुनादी भी कराई थी। मगर, इसके बावजूद भी यहां से अतिक्रमणकारी नहीं हटे। आखिर शनिवार को उप जिलाधिकारी प्रेमलाल व मुख्य नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान के नेतृत्व में नगर निगम की टीम पुलिस फोर्स के साथ अतिक्रमण हटाने चंद्रभागा नदी में पहुंची। टीम ने यहां पुल के नीचे बनी झोपड़ियों के साथ गंगा की ओर बढ़ते हुए सौ से अधिक कच्ची झोपड़ियों को तोड़ डाला। झोपड़ियों की आड़ में यहां मंदिर और पक्के भवन भी निर्मित किए गए थे, जिन्हें जेसीबी से ध्वस्त किया गया। हालांकि दोपहर तक चले अभियान में चंद्रभागा नदी से महज बीस प्रतिशत अतिक्रमण ही खाली किया जा सका। नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान ने बताया कि चंद्रभागा नदी को अतिक्रमण मुक्त किया जाना है, इसके लिए आगे भी अभियान जारी रहेगा।

झोपड़ियां टूटने के बाद नदी के बीच रखा सामान 

चंद्रभागा नदी में अतिक्रमण के खिलाफ चले अभियान में नगर निगम के जेसीबी ने सौ से अधिक झोपड़ियों को जमींदोज कर दिया। हालांकि, शुरुआत में कुछ लोगों ने इसका विरोध करने की कोशिश भी की। मगर, पुलिस फोर्स के आगे किसी की कुछ भी नहीं चली। जैसे जैसे जेसीबी आगे बढ़ी यहां कब्जा जमाये लोगों ने खुद ही अपनी झोपड़ियों से सामान बाहर निकालना शुरू कर दिया। झोपड़ियों से सामान निकालने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने यह सामान चंद्रभागा नदी के बीच रख दिया, जबकि कई लोगों ने मालवाहक वाहनों में अपने सामान दलवाए।

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अवैध बस्ती में ऊर्जा निगम के सैकड़ों कनेक्शन 

एक ओर अतिक्रमणकारी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रहे हैं और दूसरी ओर सरकारी विभाग ही उन्हें बिजली के कनेक्शन व अन्य सरकारी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। चंद्रभागा नदी में काबिज झुग्गी झोपड़ियों में ऊर्जा निगम द्वारा सैकड़ों बिजली के कनेक्शन दिये गये हैं। शनिवार को जब नगर निगम की टीम यहां अतिक्रमण हटाने पहुंची तो झोपड़ियों में बिजली के कनेक्शन जसीबी के आगे अतिक्रमण हटाने में बाधा बने। जिसके बाद ऊर्जा निगम के कर्मचारियों ने संबंधित क्षेत्र की बिजली काटकर झोपड़ियों में हुए विद्युत संयोजन हटाये। 

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