उत्तराखंड : 293.87 करोड़ रुपये की पेयजल योजनाओं को मिली मंजूरी
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विश्व बैंक पोषित पेयजल योजनाओं की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में पेयजल व सैनिटाइजेशन कार्यों से संबंधित 293.87 करो ...और पढ़ें

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में विश्व बैंक पोषित पेयजल योजनाओं की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में पेयजल व सैनिटाइजेशन कार्यों से संबंधित 293.87 करोड़ की छह डीपीआर मंजूर की गई। मुख्य सचिव ने सभी विभागों के बजट से एक प्रतिशत धनराशि अनिवार्य रूप से वाटर रीचार्ज के कार्यों पर खर्च करने का प्रविधान करने को कहा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के समक्ष भी यह मसला लाया जाएगा।
बुधवार को सचिवालय में हुई बैठक में मुख्य सचिव ने पेयजल निगम और उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा संचालित पेयजल योजनाओं के कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा करने और इनकी नियमित निगरानी के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने मोहोलिया, बहादराबाद, उमरूखुर्द, जगजीतपुर, धनडेरा और गौजाखली उत्तर क्षेत्र की डीपीआर को मंजूरी प्रदान की। बैठक में कोरोना के कारण अद्र्धशहरी क्षेत्रों की 12 अधूरी योजनाओं को पूर्ण करने के लिए छह माह का अतिरिक्त समय भी दिया गया।
मुख्य सचिव ने शहरी क्षेत्रों के सभी सरकारी व गैर सरकारी भवनों में अनिवार्य रूप से जल संरक्षण के लिए जल संग्रहण का प्रविधान करने को कहा। उन्होंने कहा कि अब तक वाटर रीचार्ज के लिए बनाई गई योजनाओं का विवरण भी अगली बैठक में उनके सम्मुख प्रस्तुत किया जाए। जहां नई पेयजल लाइनें बिछाई जा रही हैं, वहां पूर्व में यदि कोई लाइन बिछाई गई है तो बिना अतिरिक्त व्यय के उसके उपयोग की संभावनाएं तलाशी जाएं। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पेयजल आपूर्ति और सैनिटाइजेशन के कार्यों की बेहतर प्रगति के लिए सैद्धांतिक, तकनीकी व वित्तीय स्वीकृति में अनावश्यक देरी न करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी, सचिव आरके सुधांशु, अपर सचिव उदय राज, मेजर योगेंद्र यादव व प्रबंध निदेशक पेयजल वीसी पुरोहित उपस्थित थे।

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