उत्तराखंड के शहरी निकायों को जारी किए 69 करोड़
आठ नगर निगमों समेत 88 शहरी निकायों को पेयजल आपूर्ति में सुधार और ठोस कूड़े के प्रबंधन को 69.50 करोड़ की राशि दी गई है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष की पहली किश्त के रूप में निकायों को उक्त राशि दी गई है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के आठ नगर निगमों समेत 88 शहरी निकायों को पेयजल आपूर्ति में सुधार और ठोस कूड़े के प्रबंधन को 69.50 करोड़ की राशि दी गई है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष की पहली किश्त के रूप में निकायों को उक्त राशि दी गई है। वित्त सचिव अमित नेगी ने निर्दिष्ट अनुदान (टाइड ग्रांट) की यह राशि शहरी विकास निदेशक को जारी की।
उत्तराखंड के आठ नगर निगमों को 32.29 करोड़, 41 नगर पालिका परिषदों के लिए 26.74 करोड़ और 39 नगर पंचायतों के लिए आठ करोड़ की राशि दी गई है। नौ छावनी बोर्ड को भी 2.46 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अनुदान राशि का 50 फीसद पेयजल और 50 फीसद ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर खर्च किया जाएगा।
किसी एक श्रेणी की आवश्यकता पूरी करने पर इस राशि का उपयोग अन्य श्रेणी के लिए किया जा सकेगा। वहीं, केंद्र से पांच नवंबर को प्राप्त उक्त राशि को 10 दिन के भीतर संबंधित निकायों के खाते में डालना जरूरी है। देरी होने पर ब्याज सहित धनराशि का भुगतान संबंधित निकायों को करना होगा।
आठ नगर निगमों को जारी धनराशि (करोड़ रुपये में)
नगर निगम, धनराशि
देहरादून, 11.58
ऋषिकेश, 2.36
हरिद्वार, 3.04
रुड़की, 2.61
हल्द्वानी, 3.68
काशीपुर, 2.91
रुद्रपुर 2.96
कोटद्वार, 3.10
उद्योग लगाने को 591 करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी
मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में उद्योगों के लिए बनी राज्य प्राधिकृत समिति की बैठक में 591 करोड़ के सात प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। इस दौरान उन्होंने सभी विभागों को उद्योगों की स्थापना से संबंधित प्रस्तावों को जल्द स्वीकृति प्रदान करने के निर्देश दिए। बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न उद्योगों के निवेश प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इनमें से समिति ने बहल पेपर मिल्स लिमिटेड, होटल गोल्डन गेट, पीएसबी पेपर्स प्राइवेट लिमिटेड, निसफार्म लाइफ साइंस प्राइवेट लिमिटेड, किमाया हिमालयन बेवरेज एलएलपी और क्रांति इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के नए उद्योगों की स्थापना और उद्योगों का विस्तार संबंधी प्रस्तावों को मंजूरी दी।
बैठक में ऊषा एल्युमिनियम प्राइवेट लिमिटेड के संबंध में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि यह फर्म वन विभाग के समन्वय से अगली बैठक में अपना प्रस्तुतिकरण देगी। उन्होंने इस प्रकरण को 15 दिन बाद निवेश प्रस्तावों के संबंध में होने वाली बैठक में शामिल करने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव उद्योग सचिन कुर्वे, महानिदेशक उद्योग एसए मुरुगेशन, प्रभारी सचिव राजस्व सुशील कुमार, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल उपस्थित थे।
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