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मंत्रालय की टीम पहुंची एनआइवीएच, छेड़छाड़ के खिलाफ दिल्ली में पूर्व छात्र एकजुट

छात्रा से छेड़छाड़ मामले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की दो सदस्यीय टीम ने एनआइवीएच में डेरा डाल दिया है। इस मामले में संस्थान के पूर्व छात्र दिल्ली में एकजुट हो गए।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 12:46 PM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 04:17 PM (IST)
मंत्रालय की टीम पहुंची एनआइवीएच, छेड़छाड़ के खिलाफ दिल्ली में पूर्व छात्र एकजुट
मंत्रालय की टीम पहुंची एनआइवीएच, छेड़छाड़ के खिलाफ दिल्ली में पूर्व छात्र एकजुट

देहरादून, [जेएनएन]: शिक्षक की ओर से की गई छेड़छाड़ के मामले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की दो सदस्यीय टीम ने राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान (एनआइवीएच) में डेरा डाल दिया है। दोनों अधिकारी निदेशक स्तर के हैं। इनमें केवीएस राव नई दिल्ली स्थित मंत्रालय में तैनात हैं, जबकि एके सिंह अली यावर जंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियङ्क्षरग डिसेब्लिटीज, मुंबई के निदेशक हैं। अधिकारियों ने आते ही संस्थान की व्यवस्थाओं से संबंधित दस्तावेजों की जांच-पड़ताल शुरू कर दी।

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जांच कमेटी की एनआइवीएच में मौजूदगी के चलते निदेशक अनुराधा डालमिया की उपस्थिति भी संस्थान में अनिवार्य की गई है। हालांकि वह मंत्रालय को अपना इस्तीफा सौंप चुकी हैं। 

केवीएस राव और एके सिंह ने निदेशक अनुराधा से मेस संचालन, सिक्योरिटी और अन्य व्यवस्थाओं से संबंधित रिकॉर्ड तलब किए। दोनों अधिकारियों ने बारीकी से इस बात को देखा कि मेस का ठेका किस आधार पर किन लोगों को दिया गया है। इसके साथ ही सिक्योरिटी मुहैया कराने वाली कंपनी के रिकॉर्ड भी तलब किए गए हैं। वहीं, संस्थान में तैनात रहने वाले सिक्योरिटी गार्ड कब-कब किस दौरान ड्यूटी पर रहे और कितनी बार उनकी ड्यूटी एक ही स्थान पर रिपीट की गई।

सीसीटीवी कैमरों की स्थिति जांची

जांच अधिकारियों ने देखा कि संस्थान परिसर में किन-किन स्थानों पर कैमरे लगाए गए हैं और उनमें किस-किस समय तक की रिकॉर्डिंग सुरक्षित है। जिन स्थानों पर कैमरे नहीं लगाए गए हैं, उनकी स्थिति का भी परीक्षण किया गया। देखा गया कि क्या इन स्थानों से कोई संस्थान में प्रवेश कर सकता है।

शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया की भी जांच

अधिकारियों ने देखा कि संस्थान में अब तक जो भी शिकायतें दर्ज की गई हैं, उनका निस्तारण किया गया है या नहीं या फिर उनके निस्तारण का ढंग क्या रहा। अधिकारियों ने ऐसे दस्तावेजों में एक-एक हस्ताक्षर का परीक्षण किया।

ब्वॉयज हॉस्टल का दौरा, बयान दर्ज

अधिकारियों ने एनआइवीएच के ब्वॉयज हॉस्टल का दौरा किया और वहीं भी तमाम व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। इस दौरान दोनों अफसरों ने छात्रों से बात की और यह पता करने की कोशिश की कि उन्हें किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

पूर्व छात्र भी लामबंद, बर्खास्तगी की मांग

एनआइवीएच में यौन उत्पीड़न का एक और मामला उजागर होने के बाद पूर्व छात्र भी लामबंद हो गए हैं। पूर्व छात्रों ने संस्थान के छात्रों के आंदोलन को समर्थन देते हुए निदेशक अनुराधा डालमिया की बर्खास्तगी की मांग उठाई।

जागरण से बातचीत में संस्थान के पूर्व छात्र मंतोष कुमार ने बताया कि शाम को दिल्ली में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में पूर्व छात्रों ने हिस्सा लिया और कहा कि निदेशक का इस्तीफा महज एक नाटक है। क्योंकि पूर्व में भी जब विवाद गहराया था तो अनुराधा ने इस्तीफा दिया था। लेकिन, कुछ दिनों बाद ही उन्हें निदेशक की कमान सौंप दी गई। इस दफा भी ऐसा ही होने का अंदेशा है, लिहाजा जब तक उन्हें बर्खास्त नहीं कर दिया जाता, तब तक आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा। 

दूसरी तरफ संस्थान के छात्रों ने भी आंदोलन जारी रखने की बात कही है। इसके चलते संस्थान में पिछले कई दिनों से शिक्षण कार्य पूरी तरह से ठप चल रहे हैं।

इस्तीफे पर भी सवाल

छात्रों ने निदेशक अनुराधा डालमिया के इस्तीफे पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका आरोप है कि निदेशक ने मेडिकल लीव (चिकित्सा अवकाश) मांगी है। इसके चलते उन्हें रिहेब्लिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया से अटैच किया गया है। जबकि, कायदे में उन्हें बर्खास्त किए जाने की जरूरत है। 

बाल विकास मंत्री से मिले जांच अधिकारी

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से नामित किए गए जांच अधिकारी केवीएस राव व एके सिन्हा ने महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य से भी मुलाकात की।

मुलाकात में राज्य मंत्री रेखा आर्य ने जांच अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि तत्काल प्रभाव से निदेशक अनुराधा डालमिया को हटाया जाए। इसके साथ ही प्रधानाचार्य व वार्डन को भी उनके कार्यभार से मुक्त किया जाना जरूरी है। जो भी नया निदेशक आए, वह सबसे पहले छात्रों की 31 सूत्री मांगों के समाधान की दिशा में काम करे। 

इसके लिए उन्होंने तीन माह का समय निर्धारित करने के निर्देश जांच अधिकारियों को दिए। रेखा आर्य ने संस्थान के सीसीटीवी कैमरों को 360 डिग्री के कोण की क्षमता के हिसाब से स्थापित करने को भी कहा। ताकि सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की जा सके।

उधर, राज्य मंत्री ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत से भी इस बारे में बात किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने एनआइवीएच प्रकरण में जल्द प्रभावी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। 

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के चक्कर लगा रहा आरोपित

एनआइवीएच में यौन शोषण के मामले में आरोपित शिक्षक सुचित नारंग अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस लगातार उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है, लेकिन अभी तक शिक्षक का पता नहीं चल पा रहा है। बताया जा रहा है कि आरोपित गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट का चक्कर लगा रहा है। 

पुलिस को फिलहाल आरोपित की लोकेशन नैनीताल में मिली है। जिस पर पुलिस टीमें नैनीताल रवाना कर दी गई हैं। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि आरोपित को जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बता दें कि राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान में छात्राओं के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है। जिसका आरोप संस्थान में तैनात शिक्षक सुचित नारंग पर लगा है। 

उसके खिलाफ थाना राजपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया है। बच्चों और संस्थान की निदेशक, प्राचार्य और शिक्षकों के बयान दर्ज करने के बाद पुलिस अब आरोपित शिक्षक की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। बच्चों के मजिस्ट्रेटी बयान के बाद से ही पुलिस आरोपित की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है, लेकिन वह फरार चल रहा था। 

बताया जा रहा है कि आरोपित गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रहा है। कुछ दिन पहले आरोपित की लोकेशन दिल्ली में मिली थी। लेकिन, अब आरोपित की लोकेशन नैनीताल में मिली है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस का प्रयास रहेगा कि आरोपित को जल्द ही गिरफ्तार किया जाए। 

पुलिस पहले सुनना चाहती थी आरोपित का पक्ष

एनआइवीएच में यौन शोषण के मामले में घिरे शिक्षक ने जिस प्रकार से पहले पुलिस को पत्र लिखकर खुद को फंसाने की आशंका जाहिर की थी। उससे पुलिस को शुरुआत में लगा कि यह साजिश भी हो सकती है। इसलिए पुलिस ने शिक्षक के पत्रों को भी जांच में शामिल किया है। पुलिस गिरफ्तारी से पहले शिक्षक के बयान दर्ज कर उसका पक्ष भी सुनना चाहती थी, लेकिन घटना के बाद से जिस प्रकार आरोपित फरार हो गया, उससे पुलिस अब आरोपित की सीधे गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है।

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