Move to Jagran APP

देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस सत्र से लागू हो गया मॉडल करिकुलम

इंजीनियरिंग कॉलेजों में मॉडल करिकुलम लागू कर दिया गया है। मॉडल करिकुलम क्या है इसको लेकर छात्रों को विस्तार से बताया गया।

By Edited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 11:11 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 07:55 AM (IST)
देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस सत्र से लागू हो गया मॉडल करिकुलम

देहरादून, [जेएनएन]: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) की ओर से देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस सत्र से मॉडल करिकुलम लागू कर दिया गया है। 

loksabha election banner

उत्तराखंड तकनीकी विवि (यूटीयू) ने भी प्रदेश के राजकीय एवं संबद्ध 132 इंजीनियरिंग कॉलेजों में नया करिकुलम शुरू किया गया है। मॉडल करिकुलम में क्या दिक्कतें आ रही हैं और यह क्यों जरूरी है? इसे लेकर यूटीयू परिसर में शुक्रवार को कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि यूटीयू की कुलसचिव डॉ. अनीता रावत ने कहा कि तकनीकी संस्थानों में इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी यूजी कोर्स में फ्रेशर स्टूडेंट्स के लिए तीन सप्ताह का इंडक्शन होगा। 

इसमें फिजिकल एक्टिविटी, क्रिएटिव आर्ट, ह्यूमन वैल्यू, लोकल एरिया विजिट सहित अन्य चीजों को शामिल किया गया है। साथ ही एमिनेंट लेक्चरर के सत्र आयोजित कराने होंगे ताकि फ्रेशर स्टूडेंट्स को उस संस्थान और शहर के प्रति फैमिलियर बनाया जा सके। 

इस दौरान एक परिचर्चा सत्र का अलग से आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न कॉलेजों ने अपने सुझाव रखे। घुड़दौड़ी (पौड़ी) इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रो. एमपीएस चौहान ने कहा कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीई) ने मॉडल करिकुलम वेबसाइट पर अपलोड किया है। इसमें बताया है कि इस तरह का इंडक्शन आइआइटी और ट्रिपल आइटी में चलता रहा है। इससे छात्रों को लाभ होगा और वह इंजीनियरिंग की ग्लोबल प्रतिस्पर्धा में बने रहेंगे। 

एनआइटी प्रोफेसर ने दिए टिप्स तकन की शिक्षा विशेषज्ञ व एनआइटी कुरुक्षेत्र (हरियाणा) के प्रोफेसर जीएल पाहुजा ने इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रतिनिधियों के विचार व आपत्तियां सुनी एवं उनके निराकरण के बारे में सुझाव दिए। कहा कि मॉडल करिकुलम लागू करने के पीछे एआइसीटीई का उद्देश्य छात्रों को अन्य विश्वस्तरीय विवि के समकक्ष लाना है। जिससे प्रथम सेमेस्टर की पढ़ाई करने वाला छात्र यदि दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई के लिए दूसरे विवि में जाना चाहता है तो उसे विषयों को लेकर कोई परेशानी न हो। मॉडल करिकुलम में कक्षाओं के अलावा इंडस्ट्रियल प्रशिक्षण पर जोर दिया गया है।

यह भी पढ़ें: दुनियाभर से जुटे वैज्ञानिकों ने जैव विविधता संरक्षण पर पेश की रिपोर्ट 

यह भी पढ़ें: पहाड़ी राज्य दुनिया के लिए कर रहे ऑक्सीजन का काम: पवन कुमार चामलिंग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.