मनरेगा कर्मियों ने सीएम आवास की तरफ किया कूच, पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हुई नोकझोंक
देहरादून में महात्मा गांधी नरेगा कर्मचारी संगठन ने कर्मियों के नियमितीकरण की मांग करते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका जिसके बाद सड़क पर नारेबाजी हुई। संगठन ने लंबे समय से उत्पीड़न और कम वेतन का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री से मुलाकात के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।

जागरण संवाददाता, देहरादून। महात्मा गांधी नरेगा कर्मचारी संगठन के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मनरेगा कर्मियों के समायोजन व नियमितिकरण के संबंध मुख्यमंत्री आवास कूच किया। वहीं, हाथीबड़कला में पुलिस प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की नोकझोंक हुई।
ऐसे में नाराज कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। हालांकि, बाद में मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हो गया।
शहर स्थित दिलाराम चौक पर सुबह करीब 10 बजे प्रदर्शनकारी एकत्र हुए और सीएम आवास कूच किया। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुंदरमणी सेमवाल ने कहा कि मनरेगा कर्मियों का लंबे समय से उत्पीड़न हो रहा है। कर्मी बीते 10 से 18 वर्षों से मनरेगा योजना में कार्यरत हैं, लेकिन अल्प मानदेय होने से परिवार का भरण-पोषण करना कठिन हो रहा है।
जबकि, मनरेगा संचालन के अलावा विभिन्न विकास कार्यों के क्रियान्वहन में कर्मी पूर्ण योगदान दे रहे हैं। वर्ष 2013 के शासनादेश में जिला ग्राम्य विकास अभिकरण ने 209 कर्मिकों को राजकीय घोषित किया, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ाई गई।
जबकि, राजस्थान सरकार ने कांट्रेक्चूअल पालिसी के जरिये 4,966 पदों को सृजित करते हुए मनरेगा कर्मियों का नियमितिकरण किया है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार भी कांट्रेक्चूअल पालिसी के जरिये 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत 1187 कार्मियों के पद सृजित करते हुए नियमितिकरण करें।
उधर, प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि मंडल को सीएम कार्यालय के अधिकारियों से मिलाया गया। जिस पर बुधवार को सीएम से मुलाकात का आश्वासन देने के बाद प्रदर्शन समाप्त हो सका।
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