उत्तराखंड: नदारद चालक-परिचालकों को नहीं मिलेगा मई का वेतन, जारी किया गया तो होगी कड़ी कार्रवाई
रोडवेज प्रबंधन अपनी झोली खाली न हो इसके लिए रोज नई जुगत भिड़ा रहा है। अब अनुपस्थित चल रहे संविदा और विशेष श्रेणी चालक और परिचालकों के वेतन पर रोक लगा दी है।
देहरादून, जेएनएन। अपनी झोली खाली होने से बचाने के लिए रोडवेज प्रबंधन रोज नई जुगत भिड़ा रहा है। पहले जहां संविदा और तकनीकी कर्मचारियों का वेतन आधा कर दिया, वहीं उसके बाद संविदाकर्मियों को अनुबंध नवीनीकरण नहीं कराने पर नौकरी से निकालने के आदेश जारी कर दिए। अब अनुपस्थित चल रहे संविदा और विशेष श्रेणी चालक और परिचालकों के वेतन पर रोक लगा दी है।
पर्वतीय मार्गों पर संचालन के घाटे की मद से सरकार की ओर से दी गई धनराशि पर प्रबंधन ने मार्च और अप्रैल का तो पूरा वेतन बांट दिया, लेकिन अब वह सभी मदों में कटौती कर कुछ धन बचाने के मूड में है। ऐसा इसलिए भी चल रहा क्योंकि मार्च और अप्रैल के लिए सरकार से वेतन के पूरे 22-22 करोड़ रुपये मिल गए थे, लेकिन अब सरकार ने रोडवेज को केवल 15 करोड़ की मदद दी है। इसलिए पुरानी व्यवस्था पर सभी को वेतन दे पाना प्रबंधन के लिए मुश्किल है। अभी तक प्रबंधन बस संचालन न होने की स्थिति में पूर्व के औसत किलोमीटर के आधार पर संविदा और विशेष श्रेणी चालक-परिचालकों को वेतन दे रहा था, लेकिन अब प्रबंधन ने इन कर्मियों के वेतन में आधी कटौती करते हुए सिर्फ न्यूनतम वेतन देने के आदेश दिए हैं।
इसे लेकर कर्मचारी यूनियन हड़ताल पर जा रही थी, लेकिन प्रबंधन ने 15 सितंबर को होने जा रही बोर्ड बैठक तक हड़ताल किसी तरह स्थगित करा दी। अब गुरुवार को महाप्रबंधक दीपक जैन ने सभी मंडलों और डिपो प्रबंधकों को आदेश दिए हैं कि संविदा और विशेष श्रेणी के जो चालक और परिचालक मार्च में उपस्थित नहीं हुए और अब भी अनुपस्थित हैं, उनका मई का वेतन जारी न किया जाए।
अनलॉक-1 के बाद एक जून से जिन कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई और बुलाने के बावजूद वह नहीं आए, उनका वेतन भी रोकने के आदेश दिए गए। जो कर्मचारी लॉकडाउन लगने के बाद से अब तक अनुपस्थित चल रहे, उनका भी वेतन रोक दिया गया है। आदेश में जिक्र है कि कई डिपो में अनुपस्थित कर्मियों का मई का वेतन बनाने की शिकायतें मिल रही थीं। अगर किसी प्रबंधन ने ऐसे कर्मियों को मई का वेतन जारी किया, तो उसके विरुद्ध कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी गई है।