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    सड़कों पर बेखौफ होकर वाहन दौड़ा रहे नाबालिग, हो रहे दुर्घटनाओं का शिकार

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sat, 27 Mar 2021 02:39 PM (IST)

    राजधानी में नाबालिग बेखौफ दोपहिया वाहन दौड़ा रहे हैं। इससे जहां यातायात नियमों की धज्जियां तो उड़ ही रही हैं वहीं नियमों का पालन न करने के कारण वह दुर्घटना के शिकार भी हो रहे। यातायात पुलिस की ओर से हर वर्ष जागरूकता के लिए ट्रैफिक माह मनाया जाता है।

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    सड़कों पर बेखौफ होकर वाहन दौड़ा रहे नाबालिग।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। राजधानी में नाबालिग बेखौफ दोपहिया वाहन दौड़ा रहे हैं। इससे जहां यातायात नियमों की धज्जियां तो उड़ ही रही हैं। वहीं नियमों का पालन न करने के कारण वह दुर्घटना के शिकार भी हो रहे हैं। यातायात पुलिस की ओर से हर वर्ष जागरूकता के लिए ट्रैफिक माह मनाया जाता है, लेकिन इसके बावजूद भी सड़क हादसों में बच्चों की मौत के मामले कम नहीं हो पा रहे हैं।

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    प्रदेश में लॉकडाउन के कारण भले ही वाहन कम ही सड़कों पर निकले इसके बावजूद 2020 के दौरान 28 बच्चे सड़क हादसे के शिकार हुए। हादसे में मरने वाले बच्चे 18 साल से कम उम्र के थे। हालांकि पिछले सालों के मुकाबले आंकड़ा थोड़ा कम हुआ है। 2018 में यह आंकड़ा 76 पर था। इनमें 53 बालक और 23 बालिकाएं शामिल थी। वहीं हादसों के कारण 100 बच्चे घायल हुए।

    वर्ष 2019 की बात करें तो इस साल 18 साल से कम उम्र के 54 बच्चे हादसे के शिकार हुए, जबकि 166 बच्चे विभिन्न हादसों में घायल हुए थे। अगर यातायात पुलिस की कार्रवाई की बात करें तो पुलिस की ओर से प्रदेश में बाइकों पर माडिफाइ साइलेंसर लगाने वाले 2793 वाहन चालकों का चालान किया वहीं 259 वाहन सीज किए। इसी तरह प्रेशर हार्न लगाने पर 2565 वाहनों के चालान, जबकि 144 वाहनों को सीज किया गया। यातायात नियमों का पालन न करने वालों में सबसे आगे देहरादून ही है। यहां माडिफाइ साइलेंसर लगाने वाले 1411 वाहनों के चालान और 113 वाहनों को सीज किया गया। प्रेशर हार्न में 689 वाहनों के चालान और 48 वाहनों को सीज किया गया।

    यातायात निदेशक और डीआइजी केवल खुराना ने बताया कि पुलिस की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता रहा है। बच्चों के हाथ में बाइक की चाबी न हो, इसके लिए अभिभावकों को भी आगे आना होगा। वहीं स्कूल स्तर पर ही बच्चों को जागरूक करना जरूरी है।

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