रोडवेज बसों में सामान लाने के नियम में मामूली परिवर्तन, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड रोडवेज बसों में वाणिज्यक सामान ले जाने पर लगे प्रतिबंध के बाद यात्रियों को हो रही दिक्कत देखते हुए मुख्यालय ने इसमें कुछ परिर्वतन किए हैं।
देहरादून, जेएनएन। रोडवेज बसों में वाणिज्यक सामान ले जाने पर लगे प्रतिबंध के बाद यात्रियों को हो रही दिक्कत देखते हुए मुख्यालय ने इसमें कुछ परिर्वतन किए हैं। दरअसल, रोडवेज मुख्यालय को यात्रियों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि परिचालक उनके निजी सामान को बसों में ले जाने से मना कर रहे। नए नियमों के तहत अगर सामान यात्रियों के निजी प्रयोग का है तो उसे बस में लाया जा सकता है। अगर परिचालक को सामान पर संदेह होता है तो वह स्टेशन प्रभारी से बात कर सकता है।
बसों में सामान ले जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए 23 दिसंबर को निगम मुख्यालय ने बसों में वाणिच्यिक सामान ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। प्रतिबंध में कहा गया था कि बस में यात्री की मौजूदगी के बिना कोई भी पार्सल या सामान नहीं ले जाया जाएगा। चेकिंग टीम को आदेश दिए गए कि बसों में वाणिच्यिक सामान मिलने पर उस सामान को निकटतम पुलिस चौकी या कर विभाग के चेकपोस्ट पर जमा किया जाए। इसके साथ ही चालक व परिचालक के विरुद्ध वहीं एफआरआइ भी दर्ज कराने के आदेश दिए थे। इस पर परिचालकों ने यात्रियों को परेशान करना शुरू दिया। जिस यात्री के पास अपना निजी सामान होता था परिचालक उसे बस में नहीं ले जा रहे थे। ऑनलाइन टिकट बुक कर चुके यात्रियों को भी लौटाया जा रहा था।
बुधवार को आदेश में संशोधन करते हुए महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि अगर यात्री के पास अपने घर के लिए टीवी और साइकिल आदि जैसा सामान हो तो बस में लाया जा सकता है। उसका टिकट लगेगा। यात्री के पास अगर व्यापारिक सामान नहीं है तो उसे बस में लाने में कोई मनाही नहीं है। चेतावनी दी गई कि अगर परिचालक ने अब यात्रियों को परेशान किया तो कार्रवाई की जाएगी।
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तीसरे दिन भी धरने पर रहे कर्मचारी
लंबित वेतन के भुगतान व अन्य मामलों पर आंदोलनरत रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रबंधन से वार्ता विफल होने के बाद मंडलीय प्रबंधक कार्यालय पर बुधवार को तीसरे दिन भी धरना जारी रहा। परिषद के क्षेत्रीय अध्यक्ष मेजपाल सिंह और मंत्री मंत्री राकेश पेटवाल ने दून मंडलीय प्रबंधक को 12 सूत्री मांगपत्र दिया था। कार्रवाई न होने से नाराज कर्मचारी सोमवार से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत समेत दिनेश गोसाईं, प्रेम सिंह रावत आदि धरने में मौजूद रहे।
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