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    चमोली में हथकरघा को दिया जाए बढ़ावा, बना रहे माणा का सौंदर्य

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Wed, 10 Jul 2019 09:39 PM (IST)

    मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने चमोली जिले में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के साथ ही माणा गांव के पारंपरिक विकास को बनाए रखने के निर्देश दिए।

    चमोली में हथकरघा को दिया जाए बढ़ावा, बना रहे माणा का सौंदर्य

    देहरादून, जेएनएन। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने चमोली जिले में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के साथ ही माणा गांव के पारंपरिक विकास पर चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि स्थानीय बुनकरों को उत्तम गुणवत्ता की ऊन उपलब्ध कराने के लिए अच्छी प्रजाति की भेड़-बकरी के पालन को प्रोत्साहित किया जाए।  

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    मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में प्रमुख सचिव लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग, अपर सचिव पर्यटन और जिलाधिकारी चमोली के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ऊन रिफाइन करने के लिए मशीनों को भी जल्द उपलब्ध कराया जाए, जिससे बुनकरों को ग्रेडेड ऊन प्राप्त हो सके। मुख्य सचिव ने बुनकरों को पारंपरिक डिजाइन के साथ ही अच्छे और नए डिजाइन उपलब्ध करवाने के लिए तकनीकी सहायता देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विभाग को स्थानीय लोगों के लिए रोजगारपरक योजनाएं तैयार करने को कहा। 

    वहीं, मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को माणा गांव की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय लोगों से बात कर प्रस्ताव तैयार किए जाएं। पर्यटन कि दृष्टि से माणा गांव बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्षेत्र की पारंपरिक भवन निर्माण कला और वास्तुकला को बचाए रखने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए। इसके साथ ही, वहां के लोगों को रोजगार प्राप्त हो इसके लिए रोजगारपरक योजनाओं के प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने स्थानीय पारंपरिक परिधानों के साथ ही पारंपरिक आभूषणों को भी प्रोत्साहन देने की बात कही।

    बैटक में मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटकों को क्षेत्र से संबंधित संस्कृति, भवन निर्माण कला, हस्तशिल्प कला आदि का अनुभव कराने के लिए एक इस प्रकार का संग्रहालय तैयार किया जाना चाहिए, जहां बुनकरों की प्रयोग की जाने वाली मशीनों के साथ ही वहां के पारंपरिक वास्तुकला और संस्कृति की झलक मिलती हो। 

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