गोपेश्वर, देवेंद्र रावत। चारधाम की तरह हेमकुंड साहिब आने वाले यात्रियों की संख्या में भी इस बार भारी बढ़ोत्तरी हुई है। बावजूद इसके अभी तक पांच किमी पैदल मार्ग पर घांघरिया से हेमकुंड के बीच न तो पीने के लिए पानी की व्यवस्था है, न शौचालय की ही। जबकि, अटलाकोटी से हेमकुंड तक दो किमी क्षेत्र में अभी भी यात्रा हिमखंडों के बीच से ही चल रही है। हालांकि, दावा किया जा रहा कि कुछ ही दिनों में घोड़ा-खच्चर भी हेमकुंड पहुंच जाएंगे।
शीतकाल के दौरान हुई भारी बर्फबारी के कारण इस बार हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई के बजाय एक जून को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। लेकिन, यात्रा मार्ग पर प्रशासन के हवा-हवाई इंतजामों के चलते अब भी यात्री परेशान हैं। हेमकुंड यात्रा के बेस कैंप घांघरिया से हेमकुंड तक न तो पीने के पानी की व्यवस्था हो पाई है, न शौचालय की ही। जबकि, यात्रा मार्ग पर इंतजामों को लेकर अधिकारियों की टीम तक मौके पर तैनात की गई थी। बावजूद इसके अभी तक यात्रा मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है।
हेमकुंड यात्रा प्रबंधक कमेटी के मुख्य प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया किअटलाकोटी से हेमकुंड के बीच दो किमी क्षेत्र में हिमखंडों के बीच ही यात्रा चल रही है। लोनिवि के मजदूर बर्फ काटने में लगे हैं और रास्ते के ऊपरी हिस्से मे पहाड़ी से पत्थर व हिमखंडों को रोकने के लिए जाली लगाई गई है। बताया कि घांघरिया से हेमकुंड तक पांच किमी क्षेत्र में अभी पेयजल लाइन भी नहीं जोड़ी जा सकी है। अलबत्ता, छह शौचालयों का निर्माण जरूर चल रहा है।
यात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ वृद्धि समुद्रतल से 15200 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने इस बार रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बर्फ के चलते गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बच्चों व बुजुर्गों से शुरुआती दौर में यात्रा से परहेज करने की अपील भी की थी। बावजूद इसके अब तक डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब में मत्था टेक चुके हैं। जबकि, बीते वर्ष 25 मई को कपाट खुलने के बाद भी जून आखिर तक 1.24 लाख यात्री ही हेमकुंड पहुंच पाए थे।
गढ़वाल आयुक्त डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि हेमकुंड साहिब तक पैदल यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी से आगे बर्फ की मोटी चादर बिछी थी। उसे हटाकर पैदल मार्ग को बेहतर बनाने का कार्य चल रहा है। उप जिला मजिस्ट्रेट हेमकुंड में यात्रा सुविधाओं के मद्देनजर हो रहे कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। जल्द ही धाम में सब-कुछ व्यवस्थित हो जाएगा।
एसडीएम वैभव गुप्ता ने का कहना है कि जल संस्थान को पेयजल लाइन जोड़ने के लिए कहा गया था, जो अब जोड़ दी गई है। यह रिपोर्ट जल संस्थान ने दी है। लेकिन, स्रोत क्षतिग्रस्त होने के कारण हिमखंडों के बीच से पानी पहुंचाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। जल्द ही शौचालय समेत सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली जाएंगी।
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