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देहरादून के 128 गायब बिल्डरों का पता खोजेगा एमडीडीए Dehradun News

दून के 128 बिल्डर गायब हैं। यही कारण है कि रेरा ने जब इन्हें नोटिस जारी किए तो 128 लिफाफे बैरंग लौट आए। इन बिल्डरों की धरपकड़ के लिए रेरा ने एमडीडीए को पत्र लिखा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 01:30 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 01:30 PM (IST)
देहरादून के 128 गायब बिल्डरों का पता खोजेगा एमडीडीए Dehradun News
देहरादून के 128 गायब बिल्डरों का पता खोजेगा एमडीडीए Dehradun News

देहरादून, सुमन सेमवाल। दून के 128 बिल्डर गायब हैं। 500 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल पर कॉम्पलेक्स व आवासीय परियोजना का नक्शा पास कराने के बाद भी इन्होंने अब तक उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में पंजीकरण नहीं कराया है, जबकि पंजीकरण की व्यवस्था एक मई 2017 को लागू कर दी गई थी। तय समय के भीतर पंजीकरण न कराने पर अब इन पर कुल परियोजना लागत की 10 फीसद पेनाल्टी की तलवार भी लटक गई है। लिहाजा, बिल्डर पकड़ से बाहर हैं। यही कारण है कि रेरा ने जब इन्हें नोटिस जारी किए तो 128 लिफाफे बैरंग लौट आए। अब इन बिल्डरों की धरपकड़ के लिए रेरा ने एमडीडीए को पत्र लिखा है।

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रेरा को करीब 187 ऐसे बिल्डरों की जानकारी मिली थी, जिन्होंने 500 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल पर निर्माण का नक्शा पास कराया था। बावजूद इसके बिल्डरों ने रेरा में पंजीकरण नहीं कराया। इन पर शिकंजा कसने के लिए रेरा ने सभी को नोटिस जारी किए थे। हैरानी की बात यह रही कि भेजे गए नोटिस में से 128 के नोटिस वाले लिफाफे बैरंग लौट आए और 29 ने नोटिस प्राप्त करने के बाद भी उसका कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, महज 30 बिल्डरों ने नोटिस का जवाब दिया, जिनका अभी परीक्षण चल रहा है। रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने बताया कि नक्शे एमडीडीए ने पास किए हैं, लिहाजा उन्हें बैरंग नोटिस वाले बिल्डरों का वास्तविक पता उपलब्ध कराने को कहा गया है। साथ ही स्वीकृति मानचित्र की प्रति व निर्माण की स्थिति की जानकारी भी मांगी गई है। इस दिशा में उपयुक्त जानकारी मिलते ही आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

जवाब न देने वाले बिल्डरों पर लगेगी पेनाल्टी

रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार के मुताबिक, जिन बिल्डरों ने नोटिस प्राप्त कर लिया है, मगर उसका जवाब नहीं दिया है, उन पर पेनाल्टी लगाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

नीसू कंस्ट्रक्शन के खिलाफ 110 से अधिक शिकायतें

बिल्डरों व प्रॉपर्टी डीलरों की मनमानी पर रेरा को करीब 406 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं और इनमें से 110 से अधिक शिकायतें अकेले हरिद्वार स्थिति नीसू कंस्ट्रक्शन की दो परियोजनाओं (नीसू हेरिटेज एवेन्यू व ग्रीन एक्सटेंशन) की हैं। स्थिति यह है कि वर्ष 2012 में नक्शा पास कराने के बाद भी निर्माण पूरा न होने पर वर्ष 2017 में दोनों परियोजना का नक्शा अवधि पूरी होने पर निरस्त कर दिया गया था। रेरा के प्रयास से नीसू हेरिटेज एवेन्यू का नक्शा पास कर दिया गया है, मगर कंपनी इसके चार लाख रुपये का भुगतान करने को तैयार नहीं है।

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रेरा अध्यक्ष विष्णु कुमार ने बताया कि नक्शा जुलाई माह में पास कर दिया गया था, मगर परियोजना कंपनी इसे रिलीज कराने के लिए अल्प राशि का भी भुगतान नहीं कर पा रही है। यह स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है कि अकेले इस परियोजना में ही अभी 10 करोड़ रुपये का काम शेष है। वहीं, दूसरी परियोजना में करीब चार करोड़ रुपये का काम बचा है। ऐसे में कंपनी निर्माण शुरू करने को लेकर लगातार टालबराई कर रही है। दोनों परियोजना में करीब 400 फ्लैट बनाए जाने हैं। बड़े स्तर पर निवेशकों के हित कंपनी की लापरवाही से प्रभावित हो रहे हैं। अब कंपनी नवरात्र में काम शुरू करने का भरोसा दिला रही है। यदि इसके बाद भी हीलाहवाली जारी रही तो रेरा कोई भी निर्णय पारित करने को बाध्य हो जाएगा।

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