देश सेवा की राह पर अग्रसर हआ दून का लाल, ओटीए से पासआउट हो बना सेना का अंग; सैन्य विरासत को बढ़ाया आगे
दून का एक लाल शनिवार को ओटीए गया (बिहार) की पासिंग आउट परेड (पीओपी) में अंतिम पग भरकर भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गया। लेफ्टिनेंट बने मयंक सुयाल ने सेना का अंग बनकर परिवार की सैन्य विरासत को भी आगे बढ़ाया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड के तमाम सपूत आफिसर्स ट्रेनिंग एडकेमी से भी पासआउट होकर देश की सेवा की राह पर अग्रसर होते हैं। दून का एक लाल शनिवार को ओटीए, गया (बिहार) की पासिंग आउट परेड (पीओपी) में अंतिम पग भरकर भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गया। लेफ्टिनेंट बने मयंक सुयाल ने सेना का अंग बनकर परिवार की सैन्य विरासत को भी आगे बढ़ाया है।
मूल रूप से जनपद टिहरी ग्राम पाली (चंबा) निवासी मयंक वर्तमान में देहरादून स्थित मोथरोवाला के निवासी हैं। उनके पिता पीएन सुयाल केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा में खेल अधिकारी पद पर तैनात हैं। इससे पहले वे सेना (17वीं गढ़वाल राइफल्स) में 21 वर्षों तक देश की सेवा कर चुके हैं। सेना में जाने की प्रेरणा मयंक को अपने पिता से ही मिली। लेफ्टिनेंट बने मयंक सुयाल ने स्कूली शिक्षा दून के सेंट थामस स्कूल से पूरी की और इसके बाद उनका चयन सेना में अधिकारी पद पर हो गया। चयन के बाद उन्होंने एक साल ओटीए पुणे व तीन साल सीएमई (कालेज आफ मिलिट्री इंजीनियरिंग) पुणे में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
डीबीएस में दौ सौ छात्रों के आंखों की जांच
रेडक्रास सोसायटी की ओर से डीबीएस पीजी कालेज में आयोजित निश्शुल्क नेत्र जांच शिविर में करीब दो सौ छात्र-छात्राओं ने आंखों की जांच करवाई। कालेज के प्राचार्य डा.वीसी पांडेय ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद से आनलाइन पढ़ाई पर अधिक निर्भरता के कारण आंखों पर बोझ बढ़ गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए कालेज में रेडक्रास सोसायटी की ओर से नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया है। रेडक्रास सोसायटी के प्रभारी डा.अजय श्रीवास्तव ने कालेज में शिविर आयोजित कराने पर प्राचार्य का आभार जताया। शिविर में डा.अमित चौहान, डा.दिलीप शर्मा, डा.राकेश सिंह, डा.राधेश्याम, डा.दीपक भट्ट आदि मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें- अब तक सात राष्ट्रपति ले चुके हैं आइएमए में पासिंग आउट परेड की सलामी, भारत के पहले राष्ट्रपति भी हैं शामिल