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    नेशनल रैंकिंग बैडमिंटन में उत्तराखंड को पदक का संकट

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Sat, 10 Feb 2018 05:27 PM (IST)

    नेशनल रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट में उत्तराखंड के लिए पदक का संकट खड़ा हो गया है। पदक के प्रबल दावेदार लक्ष्य सेन का खेलना मुश्किल लग रहा है, क्योंकि वो बीमार हैं।

    नेशनल रैंकिंग बैडमिंटन में उत्तराखंड को पदक का संकट

    v style="text-align: justify;">देहरादून, [मानव भंडारी]: 13 फरवरी से दून में शुरू होने जा रहे सीनियर नेशनल रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट में रिकॉर्ड तोड़ एंट्री तो हो गई है। लेकिन इन सबके बीच उत्तराखंड के लिए पदक का संकट खड़ा हो गया है। टूर्नामेंट में पदक के प्रबल दावेदार लक्ष्य सेन का खेलना मुश्किल लग रहा है। क्योंकि वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे हैं। साथ ही मिश्रित युगल वर्ग में प्रथम वरीयता प्राप्त कुहू को भी इस टूर्नामेंट में अपना जोड़ीदार बदलना पड़ेगा। 
    13 से 18 फरवरी तक देहरादून में उत्तरांचल स्टेट बैडमिंटन एसोसिएशन की ओर से 68वें सीनियर नेशनल रैंकिंग बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन होने जा रहा है। टूर्नामेंट में एंट्री के नाम पर रिकॉर्ड बन गया है। क्वालिफाइंग दौर में ही 512 का ड्रा बना है, जबकि कुल एंट्री 1200 पार कर गई हैं। इतने खिलाडिय़ों में उत्तराखंड के लिए पदक की दौड़ में शामिल होना बड़ी चुनौती बन गई है। पुरुष एकल वर्ग में लक्ष्य सेन, चिराग सेन और बोधित जोशी, जबकि महिला युगल व मिश्रित युगल वर्ग में कुहू गर्ग से राज्य को पदक की उम्मीद है।
    मिश्रित युगल वर्ग में कुहू और रोहन कपूर की जोड़ी को मेन ड्रा में प्रथम वरीयता मिली है, लेकिन रोहन यह टूर्नामेंट नहीं खेल रहे हैं। कुहू को मिश्रित युगल वर्ग में अपना जोड़ीदार बदलना पड़ेगा और यह जोड़ी पहली बार कोर्ट पर उतरेगी। नई जोड़ी से पदक की आस बेहद कम है। वहीं, लक्ष्य सेन अस्वस्थ होने के चलते पिछले कुछ समय से खेल से दूर हैं। इसी वजह से वे हाल ही में संपन्न हुए सुपर सीरीज और बरेली में आयोजित नेशनल रैंकिंग टूर्नामेंट भी नहीं खेले। जबकि चिराग सेन पिछले कुछ समय से खास प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। सीनियर खिलाडिय़ों के  सामने टिकना बोधित के लिए भी आसान नहीं होगा। 
    उत्तरांचल स्टेट बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष एडीजी अशोक कुमार का कहना है कि इस टूर्नामेंट में हमें चार पदक की उम्मीद थी, लेकिन कुहू की जोड़ी बदलने और लक्ष्य के न खेलने से दो पदक हमारे हाथ से निकलते नजर आ रहे हैं। ऐसा भी हो सकता है कि इस बार हम पदक तालिका में शून्य पर रहें। 

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