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    Coronavirus Vaccination: उत्तराखंड में टीकाकरण के दौरान कुछ तकनीकी दिक्कतें रहीं, कुछ व्यवहारिक

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sun, 17 Jan 2021 01:57 PM (IST)

    उत्तराखंड में टीकाकरण की शुरुआत छोटी-छोटी कुछ समस्याओं के साथ हुई। कुछ तकनीकी समस्याएं थीं तो कुछ व्यवहारिक। हालांकि जल्द इनका समाधान भी हो गया था। स्वास्थ्य विभाग ने पहले दिन की गलतियों से सीख लेकर आगे फिर यह समस्या न हो इसपर काम शुरू कर दिया है।

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    टीकाकरण के दौरान कुछ तकनीकी दिक्कतें रहीं, कुछ व्यवहारिक।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में टीकाकरण की शुरुआत छोटी-छोटी कुछ समस्याओं के साथ हुई। कुछ तकनीकी समस्याएं थीं तो कुछ व्यवहारिक। हालांकि जल्द इनका समाधान भी हो गया था। स्वास्थ्य विभाग ने पहले दिन की गलतियों से सीख लेकर आगे फिर यह समस्या न हो, इसपर काम शुरू कर दिया है।  

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    मोबाइल पर नहीं पहुंचा ओटीपी

    टीका लगवाने पहुंचे कई लोग अपना आधार कार्ड से जुड़ा फोन नंबर बदल चुके थे। ऐसे में जब चयनित लोग के आधार कार्ड की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल में फीड की गई, तो उनके नंबर पर ओटीपी ही नहीं आया। हालांकि, इस समस्या के लिए अस्पताल प्रशासन पहले से ही तैयार थे। स्वास्थ्य विभाग ने पोर्टल पर भी इसके लिए विकल्प दिए गए थे। मौके पर पहुंचे व्यक्तियों के वर्तमान फोन नंबर को पोर्टल में फीड किया गया, जिसके बाद ओटीपी प्राप्त हुआ। 

    रात को लिस्ट में नाम, सुबह कट गया

    दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के पास शुक्रवार रात को एक लिस्ट आई थी। जिसके अनुसार डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री, चीफ फार्मेसिस्ट सुधा कुकरेती समेत कई को टीके लगने थे। शनिवार सुबह को जो लिस्ट आई, उसमें उन समेत अन्य का नाम नहीं था। जिसकी चर्चा पूरे दिन रही। क्योंकि यह सभी लोग टीका लगवाने को उत्सुक थे।

    बिना टीका लगाए लौटे पांच लोग

    एक वायल से दस को टीका लगाया गया। इससे कई सेंटरों पर पांच कर्मचारी बच गए। ऐसे में अफसरों ने वायल नहीं खोलने के निर्देश दिए। कहा गया कि इन्हें अगले दिन दूसरे पांच के साथ टीका लगाया जाएगा। ऐसा ही एक वाकया श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में पेश आया। यहां 100 लोग का टीकाकरण होना था, जिनमें 58 पहुंचे। इनमें ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली एक महिला व बुखार से पीड़ित एक व्यक्ति को चिकित्सकों की सलाह पर टीका नहीं लगाया गया, जबकि एक व्यक्ति ने खुद टीका लगवाने से मना कर दिया। ऐसे में अंतिम 55 लोग बचे। इनमें 50 को वैक्सीन लगाई गई, जबकि अन्य पांच को अगले दिन का समय दिया गया।

    सर्वर डाउन, नहीं हो पाया ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

    रुड़की में टीका लगवाने के लिए आने वाले चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाना था। पर एकाएक सर्वर डाउन हो गया। इससे टीका लगवाने आने वालों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया। इस संबंध में उच्चाधिकारियों से बात की गई। जिसके बाद ऑफलाइन ही चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों का रजिस्ट्रेशन कर उनको टीका लगाया गया। इधर, दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भी सॉफ्टवेयर की रफ्तार बीच-बीच में बहुत धीमी रही। वहीं हरिद्वार में ऋषिकुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय में इस कारण टीकाकरण कार्य करीब 45 मिनट बाधित रहा। 

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