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    Maghi Purnima 2022: माघ पूर्णिमा पर बन रहा खास योग, स्नान को हरकी पैड़ी में उमड़े श्रद्धालु, जानें- महत्व

    Maghi Purnima 2022 माघ पूर्णिमा का अपने आप में काफी महत्व है। इसको लेकर कई मान्यताएं हैं। इस दिन गंगा स्नान का भी काफी महत्व है। हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हैं।

    By Raksha PanthriEdited By: Updated: Wed, 16 Feb 2022 12:26 PM (IST)
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    Maghi Purnima 2022: माघ पूर्णिमा स्नान आज, हरकी पैड़ी पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध।

    जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Maghi Purnima 2022 माघी (माघ) पूर्णिमा स्नान पर हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड सहित अन्य गंगाघाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। स्नान पर कोई रोक ना होने के कारण देश के विभिन्न राज्यों व उत्तराखंड के दूसरे जिलों से देर शाम तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगा रहा। मां गंगा के पावन, शीतल और निर्मल जल में श्रद्धालुओं ने अपना तन और मन दोनों शुद्ध किया और परिवार के लिए सुख-समृद्धि की मंगलकामना की। वहीं, माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही माघ मास का समापन हो गया और करीब एक माह तक चलने वाले कल्पवास की भी समाप्ति हो गई।

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    माघ पूर्णिमा पर हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होने लगी थी। पौ फटते ही हर-हर गंगे, जय मां गंगे के जयघोष के साथ श्रद्धालु मां गंगा के पवित्र जल में पावन डुबकी लगाने लगे थे। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने सूर्य देवता को अघ्र्य दिया और गंगा तट पर बने मंदिरों में पूजा-अर्चना व परिक्रमा कर दान-दक्षिणा व गरीबों को भोजन कराया।

    बाहर से आए श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में गंगा स्नान के लिए हरकी पैड़ी व अन्य घाटों पर पहुंचे। स्नान को संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन की और से सुरक्षा प्रबंध लागू किए गए थे। गंगा स्नान और ध्यान के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पौराणिक मनसा देवी, चंडी देवी, मायादेवी आदि मंदिरों में पूजन-दर्शन भी किए।

    तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। माघ मास की पूर्णिमा पर श्रीहरि स्वयं गंगा में वास करते हैं। इसलिए देशभर से श्रद्धालु इस दिन गंगा स्नान के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं। बताया कि माघी पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होता है। ज्योतिषाचार्य पंडित शक्ति धर शर्मा शास्त्री के अनुसार इस दिन चांद अपनी पूर्ण अवस्था में होता है। पूर्णिमा के दिन देवी-देवता धरती पर आते हैं। इस बार माघ पूर्णिमा पर खास योग रहा। कर्क राशि के चंद्रमा और अश्लेषा नक्षत्र से युक्त होने के कारण शोभन योग बना है, यह अति शुभ है।

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