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    Dehradun : गूगल पर हेल्पलाइन नंबर सर्च करना पड़ा भारी, 6,200 रुपये वापस पाने के फेर में डूब गए 90 हजार

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 11:03 PM (IST)

    देहरादून में एक महिला को आनलाइन सर्विस के गलत क्यूआर कोड पर पैसे भेजने के बाद, गूगल पर हेल्पलाइन नंबर ढूंढना भारी पड़ गया। महिला ने 6,200 रुपये वापस प ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, देहरादून: आनलाइन सर्विस के गलत क्यूआर कोड पर 6200 रुपये ट्रांसफर होने पर महिला ने रिफंड पाने के लिए नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन आफ इंडिया (एनपीसीआइ) का हेल्पलाइन नंबर गूगल पर सर्च किया। इस नंबर पर फोन किया तो साइबर ठग ने उनसे 90,277 रुपये ठग लिए। इस मामले में क्लेमेनटाउन थाना पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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    पुलिस को दी तहरीर में शबाना निवासी छोटा भारूवाला, क्लेमेनटाउन ने बताया कि 27 नवंबर को उन्होंने किसी आनलाइन सर्विस के गलत क्यूआर कोड पर 6200 रुपये ट्रांसफर कर दिए। शिकायतकर्ता ने बताया कि ट्रांजेक्शन को रिफंड प्राप्त करने के लिए गूगल पर एनपीसीआइ की वेबसाइट सर्च की।

    उससे गगन शर्मा नाम के एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर मिला। फोन करने पर उसने खुद को एनपीसीआइ का अधिकारी बताते हुए वाट्सएप पर वीडियो काल करने को कहा और स्क्रीन शेयर करने को कहा।

    व्यक्ति ने उनसे खाते की डिटेल मांगी और आश्वासन दिया कि वह एनपीसीआइ का अधिकारी है और वह रकम वापस करवा देगा। आरोपित ने उनका पिन हासिल करते हुए खाते से 90,277 रुपये निकाल लिए।

    बीमा पालिसी का प्रीमियम जमा करने के नाम पर ठगे 82 हजार रुपये

    देहरादून : साइबर ठगों ने बुजुर्ग को झांसे में लेकर रिलायंस कंपनी की बीमा पालिसी की प्रीमियम जमा करने का झांसा देकर उनसे 82 हजार रुपये की ठगी कर दी।

    शिकायतकर्ता सुरेंद्र दत्त नौटियाल निवासी गुजरोवाली ने बताया कि दो दिसंबर को अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और बताया कि वह रिलांयस कंपनी के मुंबई हेडआफिस से आदित्य राणा बोल रहा है।

    व्यक्ति ने पालिसी नंबर बताते हुए कहा कि आपकी रिलायंस की पालिसी की तीसरी किश्त पेंडिंग है। इस संबंध में आप देहराद्न के जोनल मैनेजर अमित अग्रवाल को काल करें।

    काल करने पर अमित नामक व्यक्ति ने कहा कि आपकी तीसरी किस्त 97,0000 रुपये बकाया है। आज-कल में जीएसटी कम होने के कारण प्रीमियम 95,000 हो रहा है। जिसमें तीन साल का मनी बैक 12,800 कम करके 82,809 आनलाइन जमा करने हैं।

    झांसे में आकर उन्होंने 82,809 रुपये आनलाइन जमा कर दिए। तीन दिसंबर को एक और मोबाइल नंबर से फोन आया कि अभी तक आपकी किश्त जमा नहीं हुई है। इसके बाद उन्हें पता चला कि उनके साथ ठगी हो गई है। इस मामले में रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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