₹41 लाख की ठगी में शामिल चौथा साइबर अपराधी गिरफ्तार,107 सिम बरामद, दुबई-कंबोडिया कनेक्शन का खुलासा
फतेहपुर पुलिस ने सेवानिवृत्त रेलकर्मी से ₹41.10 लाख की ऑनलाइन ठगी के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के चौथे आरोपी राहु ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, फतेहपुर। खुद को एटीएस चीफ बताकर सेवानिवृत्त रेलवेकर्मी से 41.10 लाख रुपये की आनलाइन ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के चौथे गुर्गे को पुलिस ने मुरादाबाद से गिरफ्तार किया है। पुलिस रविवार देर शाम उसे फतेहपुर लाई। उसने पूछताछ में बताया कि वह दो मोबाइल कंपनियों में एजेंट का काम करता है और फेरी लगाकर सिम बेचता है।
गरीब व अशिक्षित ग्राहकों को सिम जारी कर उनकी आइडी से दूसरा सिम निकाल लेता था और गिरोह के साथियों को दो से ढाई हजार रुपये में बेच देता है। उसके पास से पुलिस ने विभिन्न मोबाइल कंपनियों के 107 सिम व दो एंड्रायड मोबाइल फोन बरामद किए हैं। गिरोह के तार दुबई व कंबोडिया तक जुड़े हैं।
हुसेनगंज थाने के गुल्ला का पुरवा गांव के सेवानिवृत्त रेलवेकर्मी मोतीलाल यादव के विभिन्न बैंक खातों से चार नवंबर से 17 नवंबर 2025 के मध्य 41.10 लाख रुपये की आनलाइन ठगी हुई थी। पीड़ित ने 24 नवंबर को साइबर क्राइम थाने में सूचना प्रोद्यौगिकी संशोधन अधिनियम के तहत ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था।
साइबर क्राइम पुलिस ने ठगों के मोबाइल नंबर ट्रेस कर बीते एक दिसंबर को दिल्ली के कीर्तिनगर थाने के मानसरोज गार्डेन में रहने वाले सार्थक ग्रोवर, गाजियाबाद जिले के खेड़ा कालोनी निवासी राहुल शर्मा व इटावा जिले के बकेवर थाने के बकेवा निवासी संतोष कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
5.56 लाख रुपये होल्ड भी करा दिए थे। इन ठगों के खातों में 17 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया था। ठगों से पूछताछ में राहुल कुमार का नाम पता चला था। साइबर क्राइम इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एसआइ रणधीर सिंह मय फोर्स मुरादाबाद में छापेमारी कर ठग राहुल कुमार निवासी कमला विहार कालोनी पीतल नगरी थाना कटघर जिला मुरादाबाद से पकड़ लिया।
साइबर क्राइम इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि मुरादाबाद से राहुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो मोबाइल कंपनी का एजेंट है। गरीबों की आइडी लेकर उन्हें सिम देता था। फिर उन्हीं की आइडी से दूसरा सिम निकालकर साइबर ठगों को बेचता था। इस काम में उसे अच्छी रकम मिलती थी।
इसके मोबाइल की सीडीआर व वाट्सएप की जांच की जा रही है। इस अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग के तार दुबई व कंबोडिया तक जुड़े हैं। पंजाब के रहने वाले सरगना यश व हरदीप का अभी पता नहीं चला है।

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