ओलावृष्टि से नुकसान भी फसल बीमा योजना में शामिल
उत्तराखंड सरकार ने अब ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान को मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल किया है। सबसे पहले सेब के सभी बीमित कृषकों को इसका हिस्सा बनाया जाएगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश सरकार ने अब ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान को भी मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल कर लिया है। इसके तहत सबसे पहले सेब के सभी बीमित कृषकों को इसका हिस्सा बनाया जाएगा। अगले वर्ष से आवश्कता के अनुसार अन्य औद्यानिक फसलों को भी मौसम आधारित फसल बीमा योजना से जोड़ने का निर्णय लिया गया है।
उत्तराखंड के कई क्षेत्र मार्च से जून तक की ओलावृष्टि से प्रभावित होते हैं। इससे कई औद्यानिक फसलें विशेषकर सेब के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इससे सेब की खेती करने वाले किसानों को खासा नुकसान उठाना पड़ता है।
हाल ही में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के कुमाऊं भ्रमण के दौरान किसानों ने ओलावृष्टि को भी मौसम आधारित फसल बीमा के अंतर्गत जोड़ने का अनुरोध किया था। मुख्य सचिव के निर्देशों के बाद अब निदेशक उद्यान डॉ. बीएस नेगी ने वर्ष 2017-18 में विभाग की ओर से संचालित फसल बीमा योजना के अंतर्गत सेब की फसल में ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान को भी शामिल कर दिया है।
निदेशक उद्यान ने बताया कि ओलावृष्टि के कारण जिन बीमित किसानों के सेब की फसल की हानि होती है, वे वित्तीय संस्थान अथवा क्रियान्वयक अभिकरण के कार्यालय अथवा संबंधित जनपद के मुख्य उद्यान व जिला उद्यान अधिकारी कार्य को बीमित फसल के ब्योरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति के कारण की सूचना देंगे।
इस सूचना के आधार पर क्षेत्र में हानि निर्धारण करने वाले प्रतिनिधि को भेजा जाएगा। राजस्व विभाग एवं उद्यान विभाग के प्राथमिक अधिकारी फसल की हानि की मात्रा का अनुमान लगाने में क्रियान्वयक अभिकरण की सहायता करेंगे। हानि का निर्धारण उद्यान विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर निश्चित किया जाएगा।
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