Lok Sabha Election 2024: देवालयों में शीश नवाएंगे भाजपाई, मतदाताओं को कहेंगे मोदी की राम-राम
Lok Sabha Election 2024 प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को ऋषिकेश रैली में उमड़ी भीड़ से यह आग्रह किया था। इसे देखते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पार्टीजनों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के महापर्व में देवभूमि भाजपामय हो गई है। वहीं अब मोदी की राम-राम कहकर आशीर्वाद लेने के संदेश को लेकर भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून: Lok Sabha Election 2024: गांव-गांव में स्थित देवालयों में शीश नवाने और बड़े-बुजुर्गों समेत सभी व्यक्तियों को मोदी की राम-राम कहकर आशीर्वाद लेने के संदेश को लेकर भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऋषिकेश रैली में उमड़ी भीड़ से यह आग्रह किया था। इसे देखते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पार्टीजनों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने ऋषिकेश रैली को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि जनता को प्रधानमंत्री मोदी के वादे पर पूरा भरोसा है और राज्य की सभी पांचों सीटों पर पार्टी बड़े अंतर से जीत दर्ज करेगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि तीर्थनगरी ऋषिकेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में उमड़ा सैलाब दर्शाता है कि लोकतंत्र के महापर्व में देवभूमि भाजपामय हो गई है। उन्होंने रैली में पहुंचे युवाओं, मातृशक्ति, पूर्व सैनिक, सर्व समाज समेत देवभूमि के सभी वर्गों के प्रति आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि गुरुवार को केदारखंड समेत समूची तीर्थनगरी में उमड़ी भीड़ प्रधानमंत्री मोदी के सैनिकों की चुनाव में जीत की गारंटी दे गया है।
कांग्रेस के लिए रामलला नहीं बाबर की मजार रही है आस्था का केंद्र: महाराज
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कांग्रेस को निशाने पर लिया। एक बयान में उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मंदिर ट्रस्ट के निमंत्रण के बावजूद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का शामिल न होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
इतिहास इस बात का साक्षी है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का पीढ़ी दर पीढ़ी काबुल स्थित बाबर की मजार से आस्था एवं श्रद्धा का अटूट रिश्ता रहा है।
कांग्रेस सरकार में विदेश मंत्री रहे कद्दावर नेता नटवर सिंह ने अपनी किताब 'वन लाइफ़ इज नाट एनफ' में स्पष्ट लिखा है कि वर्ष 1959 में पंडित जवाहर लाल नेहरू, वर्ष 1968 में इंदिरा गांधी, वर्ष 1976 में राजीव गांधी और वर्ष 2005 में राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह के साथ अफगानिस्तान में बाबर की कब्र का दौरा किया व श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
इसलिए सनातन विरोधी कांग्रेस ने आमंत्रण मिलने के बाद भी रामलला के दर्शन करना उचित नहीं समझा। उन्होंने नटवर सिंह की पुस्तक का हवाला देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी बाबर की कब्र पर फूल चढ़ाने काबुल गई थीं।
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