मूल्यांकन में परीक्षकों की कमी हुई तो स्थानीय शिक्षकों की लगेगी ड्यूटी
उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन में परीक्षकों की कमी ना हो इसलिए मुख्य शिक्षा अधिकारी और उप केंद्र निरीक्षकों को अपने स्तर से शिक्षकों की ड्यूटी लगाने की छूट दी गई है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन का पहला चरण पूरा हो गया है। कोरोना के चलते कई मूल्याकन केंद्रों पर परीक्षकों की कमी भी रही। जिसके चलते ऐसे केंद्र पर कुछ विषय में अपेक्षाकृत कम कॉपिया ही चेक हो सकीं। दूसरे मूल्यांकन चरण में ऐसी समस्या ना हो इसलिए मुख्य शिक्षा अधिकारी और उप केंद्र निरीक्षकों को अपने स्तर से शिक्षकों की ड्यूटी लगाने की छूट भी दी गई है।
प्रदेश भर में मूल्यांकन केंद्रों में अब तक चेक हो चुकी कॉपियों की रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय और उत्तराखंड बोर्ड को भेजी जा चुकी है। विभिन्न मूल्यांकन केंद्रों पर नहीं पहुंचे शिक्षकों की सूची भी बोर्ड भेजी गई है। मंडलीय अपर निदेशक गढ़वाल मंडल महावीर सिंह बिष्ट ने शुक्रवार को तीन मूल्यांकन केंद्रों का निरीक्षण किया। श्रीनगर स्थित मूल्यांकन केंद्र पर फिजिक्स के परीक्षकों की कमी की बात सामने आई। दूसरे मूल्यांकन केंद्रों पर भी कुछ शिक्षकों के विभिन्न कारणों से मूल्यांकन में नहीं पहुंचने की रिपोर्ट मिली। केंद्रों पर नहीं पहुंचे अधिकतर शिक्षकों ने मेडिकल और कोरोना वायरस को इसका कारण बताया है।
अपर निदेशक ने बताया कि कई शिक्षक दूसरे जिलों में थे। शिक्षकों का कहना था कि मकान मालिक फिलहाल वापस ना आने की अपील कर रहे हैं। बताया कि जिन मूल्यांकन केंद्रों पर परीक्षकों की कमी होगी ऐसे स्कूलों के प्रधानाचार्य और मुख्य शिक्षा अधिकारियों को अपने स्तर से स्थानीय शिक्षकों से समन्वय बनाकर मूल्यांकन में ड्यूटी लगाने की छूट दी गई है।
बता दें कि बोर्ड परीक्षाओं में दूसरी ड्यूटी लगने के कारण भी कई शिक्षक नहीं पहुंच पाए। परीक्षकों ने पिछले वर्ष की बोर्ड परीक्षाओं का मूल्यांकन एवं दूसरे कार्यों का भुगतान अभी तक ना होने पर नाराजगी भी जताई। अपर निदेशक ने बताया कि वर्तमान समय में परिवहन की समस्याओं को देखते हुए बोर्ड परिषद के सदस्य ही विभिन्न मूल्यांकन केंद्रों से अब तक की ओएमआर शीट जमा करेंगे।
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