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    रुड़की, बाजपुर और श्रीनगर में बाद में होंगे स्थानीय निकाय के चुनाव

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    Updated: Sat, 13 Oct 2018 09:46 AM (IST)

    नगर निगम रुड़की और नगर पालिका परिषद श्रीनगर व बाजपुर को फिलहाल चुनाव प्रक्रिया से अलग रखा गया है। इन तीनों निकायों में बाद में चुनाव कराए जाएंगे।

    रुड़की, बाजपुर और श्रीनगर में बाद में होंगे स्थानीय निकाय के चुनाव

    देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: नगर निगम रुड़की और नगर पालिका परिषद श्रीनगर व बाजपुर को फिलहाल चुनाव प्रक्रिया से अलग रखा गया है। अलबत्ता, राज्य के 84 नगर निकायों में 15 नवंबर को चुनाव प्रस्तावित हैं। इसके लिए सरकार की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रुड़की, श्रीनगर व बाजपुर में आरक्षण, ओबीसी सर्वे, वोटर लिस्ट समेत अन्य कार्य साथ-साथ चलते रहेंगे। इन तीनों निकायों में बाद में चुनाव कराए जाएंगे।

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    राज्य में तीन निकायों में चुनाव नहीं होते, जबकि दो के मामले में कानूनी पेच है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार निकाय चुनाव की तैयारियों में जुट गई है और चुनाव का प्रस्तावित कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है। 

    15 नवंबर को संभावित निकाय चुनाव के लिए 15 अक्टूबर को राज्य निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी कर सकता है। चुनाव के लिए 92 नगर निकायों में 84 निकायों में तैयारी पूरी कर ली गई है। इनमें सात नगर निगम, 39 नगर पालिका परिषद व 38 नगर पंचायत शामिल हैं। 

    अपर निदेशक शहरी विकास यूएस राणा के मुताबिक रुड़की नगर निगम के सीमा विस्तार की अधिसूचना ही जारी हुई है। चुनाव के मद्देनजर वहां अभी काफी कार्य होने हैं। इसके अलावा बाजपुर व श्रीनगर नगर पालिका परिषदों में वार्ड आरक्षण की अंतिम अधिसूचना, ओबीसी सर्वे जैसे कार्य होने बाकी हैं। 

    लिहाजा, इन तीनों निकायों में इससे संबंधित प्रकियाएं चलती रहेंगी, लेकिन इनके चुनाव बाद में कराए जाएंगे। सेलाकुई पर भी बाद में निर्णय अपर निदेशक राणा ने बताया कि सेलाकुई नगर पंचायत के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। 

    लिहाजा, इसे भी फिलहाल 15 नवंबर को होने वाली चुनाव प्रक्रिया से अलग रखा गया है। यदि इस बीच फैसला आ जाता है तो इसे भी शामिल किया जा सकता है। 

    जहां तक, भतरौंजखान नगर पंचायत की बात है तो वहां इसके गठन पर कानूनी पेच फंसा है। तीन नगर पंचायतों में नहीं होते चुनाव राज्य की तीन नगर पंचायतें ऐसी हैं, जिनमें चुनाव नहीं होते। ये नगर पंचायतें हैं बदरीनाथ, गंगोत्री व केदारनाथ। इनमें छह माह के लिए कार्य होता है।

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