खेत में मवेशी घुसने पर ग्रामीण की हत्या में पिता-पुत्र को आजीवन कारावास Dehradun News
विकासनगर के मटक माजरी में मवेशी के फसल चरने के विवाद में हुई हत्या के मामले में अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश पंचम धर्म सिंह की अदालत ने पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
देहरादून, जेएनएन। विकासनगर के मटक माजरी में मवेशी के फसल चरने के विवाद में हुई हत्या के मामले में अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश पंचम धर्म सिंह की अदालत ने पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
शासकीय अधिवक्ता संजीव सिसौदिया ने अदालत को बताया कि 22 जनवरी 2012 को मटक माजरी निवासी मुश्ताक का शव उसके खेत में पड़ा मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई है। इस पर विकासनगर थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ।
विवेचना के दौरान पाया गया कि मुश्ताक का गांव के ही यासीन और उसके बेटे उस्मान से काफी दिनों से विवाद चल रहा था। दरअसल, मुश्ताक के मवेशी अक्सर यासीन के खेत में घुस जाते और फसल नुकसान पहुंचाते थे। इस पर दोनों पक्षों में अक्सर झगड़ा होता रहता था।
22 जनवरी को भी दोनों का इसी बात को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद दोनों ने मुश्ताक की गला दबाकर हत्या कर दी। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में कुल 22 गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस की विवेचना में सामने आए तथ्यों के आधार पर अदालत ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने दोनों पर पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
साइबर ठगी के दोषी को दो साल की सजा
हर्बल ऑयल के निर्यात के नाम पर दो साल पूर्व देहरादून के कारोबारी से हुई 41 लाख रुपये की ठगी में शामिल युवक को अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) चतुर्थ सचिन कुमार की अदालत ने दोषी करार दिया है। उसे दो साल की सजा सुनाई गई है। मूलरूप से आगरा के रहने वाले दोषी के खाते में ठगी की रकम ट्रांसफर कर निकाली गई थी।
सहायक अभियोजन अधिकारी गुलाब ने सिंह ने अदालत को बताया कि कारोबारी ख्वाब बंसल निवासी डालनवाला से रामसे ट्रॉय नाम के शख्स ने दिसंबर 2017 में ई-मेल के जरिये संपर्क किया। कहा कि वह आर्गेन्टो हर्बल लिक्विड ऑयल का कारोबार करता है। इसमें निवेश कर वह मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए उन्हें लोकल डीलर बनना होगा।
उसकी बातों में आकर ख्वाब ने हामी भरी तो उसकी ओर से तेल का सैंपल भेजा गया। सैंपल को चेक कराने के बाद रिपोर्ट सही बताई गई। इसके बाद आगे के आर्डर के लिए अलग-अलग तिथियों में करीब 41 लाख 40 हजार रुपये जमा करा लिए गए।
आरोप है कि इसके बाद रामसे और उसके साथियों ने फोन उठाना बंद कर दिया। इस पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचना के दौरान शिव कुमार निवासी रावत कॉलोनी आगरा का नाम सामने आया। अधिकांश रकम उसी के खाते में ट्रांसफर कर निकाली गई थी।
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गवाहों और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने उसे दो साल कठोर कारावास की सजा और 12 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर उसे पांच दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। एपीओ ने बताया कि साइबर थाने में दर्ज मामलों में यह पहली सजा है।
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