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अब देहरादून के रायपुर में नए विधानसभा भवन के लिए कसरत शुरू

गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के बाद अब देहरादून के रायपुर में नए विधानसभा भवन के लिए कसरत शुरू हो गई है।

By Edited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 09:56 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 02:50 PM (IST)
अब देहरादून के रायपुर में नए विधानसभा भवन के लिए कसरत शुरू
अब देहरादून के रायपुर में नए विधानसभा भवन के लिए कसरत शुरू

देहरादून, राज्य ब्यूरो। गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के बाद अब देहरादून के रायपुर में नए विधानसभा भवन के लिए कसरत शुरू हो गई है। इस कड़ी में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शुक्रवार को राज्य संपत्ति  विभाग के अधिकारियों से विमर्श किया। इस मौके पर बताया गया कि रायपुर-भोपालपानी के बीच विधानसभा, सचिवालय भवन के निर्माण को चयनित वन भूमि के हस्तांतरण के लिए सात करोड़ रुपये वन विभाग को दिए जा चुके हैं। अब हाथी कॉरीडोर के लिए 15.37 करोड़ रुपये दिए जाने हैं। इसके बाद ही केंद्र से विधिवत स्वीकृति मिलेगी।

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उत्तराखंड के अस्तित्व में आने के बाद देहरादून को राज्य की अस्थायी राजधानी बनाया गया। रिस्पना पुल के नजदीक बने विकास भवन को विधानसभा भवन में तब्दील किया गया, जबकि विस से करीब तीन किमी दूर सचिवालय स्थापित किया गया। इसके पश्चात नए विधानभवन, सचिवालय को एक ही जगह बनाने के मद्देनजर कसरत हुई। इसके लिए देहरादून के रायपुर क्षेत्र में रायपुर व भोपालपानी के बीच करीब 60 हेक्टेयर वन भूमि का चयन किया गया। इस बीच 2012 में इसके लिए 75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। तब सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बावजूद इस दिशा में पहल आगे नहीं बढ़ पाई।

अब जबकि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी का रुतबा मिल चुका है तो देहरादून का स्थायी राजधानी होना भी तय हो गया है। इसे देखते हुए नए विधानभवन, सचिवालय के लिए कसरत शुरू की गई है। शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में हुई राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों के साथ विमर्श कर रायपुर में विस भवन से संबंधित कार्य की प्रगति का ब्योरा लिया।

विस अध्यक्ष अग्रवाल के अनुसार उन्हें बताया गया कि रायपुर में चयनित वन भूमि के हस्तांतरण के लिए सात करोड़ रुपये वन विभाग को दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो भूमि चयनित की गई है, उसके पास हाथी कॉरीडोर भी है। इसके लिए वन विभाग को 15.37 करोड़ रुपये दिए जाने हैं और इसके बाद निर्माण कार्य के लिए केंद्र से विधिवत स्वीकृति मिलेगी। इसके पश्चात ही आगे की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।

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विस अध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में जहां विस भवन है, वह अपर्याप्त है। फिर सचिवालय भी दूर है। ऐसे में नया भवन बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही रायपुर में चयनित भूमि का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। अफसरों को भी निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि रायपुर में विस भवन, सचिवालय समेत अन्य आधारभूत ढांचा खड़ा होने पर इससे बड़े फायदे होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से भी वार्ता कर इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी।

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