केदारनाथ आपदा के पांच सालः रुद्रप्रयाग में रखी हैं अंतिम निशानियां
केदारनाथ घाटी में पांच वर्ष पूर्व आपदा के दौरान लापता हुए लोगों की सैकड़ों निशानियां आज भी पुलिस के पास सुरक्षित हैं।
देहरादून, [विकास गुसाईं]: केदारनाथ घाटी में पांच वर्ष पूर्व आपदा के दौरान लापता हुए लोगों की सैकड़ों निशानियां आज भी पुलिस के पास सुरक्षित हैं। पुलिस ने इन वस्तुओं को एकत्र कर रुदप्रयाग में रखा है। इनकी पहचान कर परिजन इन्हें ले जा सकते हैं। बीते कुछ वर्षों में कुछ लोगों ने इन पर दावा तो किया, लेकिन डीएनए जांच से पीछे हटने के कारण वे इन्हें हासिल नहीं कर पाए। परिजनों की पहचान के लिए लोगों के आगे न आने के कारण शासन व पुलिस भी हैरान है।
केदारनाथ घाटी में वर्ष 2013 में आई आपदा में हजारों लोग मारे गए या लापता हुए। पुलिस की ओर से इस दौरान व्यापक अभियान चलाया गया था। इस अभियान में पुलिस को शवों के साथ ही आभूषण व अन्य वस्तुएं मिलीं। इनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए पाए गए शवों का डीएनए सैंपल लेने के साथ ही उनके पास से मिले आभूषण व अन्य पहचान चिह्न पुलिस ने अपने पास सुरक्षित रख लिए।
इन सभी आभूषण व वस्तुओं को फोटो सहित पूरा ब्योरा पुलिस मुख्यालय की वेबसाइट के साथ ही अन्य सोशल साइट्स पर भी अपलोड किया गया। इसका व्यापक प्रचार प्रसार भी किया गया। मकसद यह था कि परिजन इनकी पहचान कर सकें। इससे पुलिस को मृतक की पुख्ता पहचान मिलती तो वहीं परिजन इसे अंतिम निशानियों के तौर पर सहेज कर रख सकते।
पुलिस को मिली वस्तुओं में कानों की बालियां, कड़े, पर्स आदि सामान रखे गए हैं। वेबसाइट व सोशल मीडिया में इन वस्तुओं को देख कर कई लोगों ने इनके अपने परिजनों का होने का दावा किया। इनके दावे को पुख्ता करने के लिए जब पुलिस ने इनका डीएनए सैंपल लेने की बात कही तो कई लोग पीछे हट गए।
इसके बाद सरकार ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव व डीजीपी को पत्र लिखकर अपने यहां ही डीएनए सैंपल लेकर हैदराबाद लैब सीधे भेजने की व्यवस्था भी की, लेकिन अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है। आज भी ये सारी वस्तुएं रुद्रप्रयाग में रखी हुई हैं।
पुलिस ने अब तक केदारघाटी में 727 कंकाल बरामद कर इनका डीएनए सैंपल भी लिया। मकसद यह कि अभी भी कोई परिजन इनसे मिलान के लिए अपना डीएनए सैंपल दे सकता है। अभी तक 207 लोग ही सामने आए हैं। इनमें से 35 का ही डीएनए मिलान हो पाया है।
पुलिस महानिरीक्षक जीएस मार्तोलिया का कहना है कि आपदा के बाद सर्च आपरेशन में मिली वस्तुएं आज भी रुद्रप्रयाग में रखी हुई हैं। कोई भी इन्हें आकर देख सकता है लेकिन इन्हें हासिल करने के लिए पूरी प्रक्रिया अपनानी होगी।
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