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आपदा के पांच सालः नई इबारत लिख रही चारधाम यात्रा

चारधाम में परिदृश्य पूरी तरह बदला हुआ है। शुरुआती महीने में ही यात्रा ने संकेत दे दिए हैं कि मौसम के अनुकूल रहने पर वह नई इबारत लिखने वाली है।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 16 Jun 2018 08:05 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 05:25 PM (IST)
आपदा के पांच सालः नई इबारत लिख रही चारधाम यात्रा
आपदा के पांच सालः नई इबारत लिख रही चारधाम यात्रा

देहरादून, [दिनेश कुकरेती]: चारधाम में परिदृश्य पूरी तरह बदला हुआ है। प्रतीत होता है मानो आपदा के जख्म पूरी तरह भर गए हैं। व्यापारियों के साथ ही तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों के चेहरों पर मुस्कान तैर रही है। लोगों ने जीवन की नए सिरे से शुरुआत कर दी है और उसमें उल्लास भर रही है यात्रा। शुरुआती महीने में ही यात्रा ने संकेत दे दिए हैं कि मौसम के अनुकूल रहने पर वह नई इबारत लिखने वाली है। 

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केदारनाथ धाम में तो यात्रा ने इस दिशा में कदम बढ़ा भी दिए हैं। महज 47 दिन में वहां यात्रियों की इतनी आमद हो चुकी है, जितनी बीते वर्षों के दौरान पूरे सीजन में भी नहीं हुई थी। बदरीनाथ धाम में भी यह संख्या बीते वर्ष के मुकाबले दो लाख से अधिक पहुंच चुकी है। गंगोत्री-यमुनोत्री में भी यात्रा की गति उत्साहभरी है और उम्मीद है कि वहां भी जल्द ही बीते सीजन के आंकड़ों को पीछे छोड़ देगी।

जून 2013 की आपदा ने वैसे तो चारों धाम में भारी तबाही मचाई, लेकिन केदारपुरी का तो उसने अस्तित्व ही मिटा दिया था। तब लगता ही नहीं था कि अगले दस सालों में भी वहां यात्रा पटरी पा आ पाएगी। दो साल तक तो यही स्थिति रही, जिससे पूरी केदारघाटी में सन्नाटा पसरा रहा।

स्थानीय लोग रोजी-रोजी का नया ठौर तलाशने के लिए पलायन करने लगे। यहां तक कि तीर्थ पुरोहित भी अपने पारंपरिक कार्य से विमुख होने लगे। लेकिन, फिर धीरे-धीरे जन और तंत्र के समवेत एवं संकल्पबद्ध प्रयासों से यात्रा के भविष्य पर छाया धुंधलका छंटता चला गया। 

केदारपुरी के नवनिर्माण जो भगीरथ प्रयास हुए और जिस तेजी से वहां का परिदृश्य बदला, उसने न केवल देश-दुनिया के लोगों में भरोसा कायम किया, बल्कि केदारघाटी के लोगों की टूटती उम्मीदों को भी संबल दिया।

आज केदारपुरी जिस रूप में है, उसकी संभवत: किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। सुविधा एवं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए केदारपुरी को संवारा गया है। यही वजह है कि नए पैदल मार्ग से केदारपुरी की दूरी दो किमी बढऩे के बावजूद वहां इस वर्ष यात्रियों का सैलाब उमड़ रहा है। 

इससे पूरी केदारघाटी में स्थानीय लोगों के चेहरे खिले हुए हैं। दोबारा रोजी-रोटी के उपक्रमों में जुटने से उन्हें लगने लगा है कि दुख के बादल छंट चुके हैं और लौट आए हैं खुशियों को समेटने के दिन।

केदारनाथ यात्रा ने रचा नया इतिहास

चारधाम यात्रा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब शुरुआती महीने में केदारनाथ पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या बदरीनाथ से अधिक रही। 29 अप्रैल को जब केदारनाथ के कपाट खोले गए थे, तब 25 हजार से अधिक यात्रियों ने बाबा के दर्शन किए। इससे संकेत मिल गए थे कि यह उल्लास आगे भी बना रहेगा। 

हालांकि, मानसून की दस्तक के चलते हफ्ता-दस दिन से यात्रियों की संख्या भले ही पांच हजार के आसपास स्थिर हो गई हो, लेकिन रोजाना यात्रियों के पहुंचने का औसत अब भी 13 हजार से ऊपर है। लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि इस बार रिकार्ड यात्री केदारनाथ धाम पहुंचेंगे।

आंकड़ों में चारधाम यात्रा 

वर्ष 2018 (14 जून तक)

धाम--------------कुल यात्री

बदरीनाथ--------644492

केदारनाथ--------595832

गंगोत्री------------325037

यमुनोत्री----------307196

कुल-------------1872557

वर्ष---------------2017

बदरीनाथ------920464

केदारनाथ------471235

गंगोत्री----------410606

यमुनोत्री--------391100

कुल-------------2193405

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