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    Lansdowne Tourism: आपको है ट्रैकिंग का शौक, तो चले आइए लैंसडौन; यहां प्रकृति के बीच लें रोमांच का अनुभव

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jul 2022 04:48 PM (IST)

    Lansdowne Tourism यदि आपको ट्रैकिंग का शौक है और प्रकृति का आनंद लेना चाहते हैं तो चले आइए लैंसडौन। उत्‍तराखंड के पौड़ी जनपद में स्थित है लैंसडौन। यहां आप ट्रैकिंग के दौरान रोमांच का अनुभव ले सकते हैं।

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    Lansdowne Tourism: यदि आप पहाड़ों में ट्रैकिंग का शौक रखते हैं, तो चले आइए लैंसडौन।

    अनुज खंडेलवाल, लैंसडौन (पौड़ी)। Lansdowne Tourism: यदि आप धुमक्कड़ प्रवृत्ति के हैं और पहाड़ों में ट्रैकिंग का शौक रखते हैं, तो चले आइए लैंसडौन। समुद्रतल से 6250 फीट की ऊंचाई पर स्थित पर्यटन नगरी लैंसडौन में एक दर्जन से अधिक ऐसे ट्रैकिंग रूट हैं, जहां आप दिल खोलकर प्रकृति के बीच धुमक्कड़ पर्यटन का आंनद ले सकते हैं।

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    ट्रैकिंग रूटों में होती रोमांचकारी अनुभूति

    उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में बसी पर्यटन नगरी लैंसडौन धुमक्कड़ नेचर के टूरिस्‍टों के बीच अपनी नई पहचान तेजी से बना रही है। पर्यटक अब ट्रैकिंग रूटों से होकर न सिर्फ नगर के पर्यटक स्थलों तक पैदल पहुंच रहे है, बल्कि धुमक्कड़ पर्यटन का आनंद लेते हुए प्रकृति के बीच ज्यादा समय बीता रहे हैं। नगर की दिलकश फिजाओं के बीच ट्रैकिंग रूटों में पैदल चलने से रोमांचकारी अनुभूति होती है।

    जंगल सफारी भी कर रही आकर्षित

    लैंसडौन से धूरा रोड पर चल रही जंगल सफारी भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। रात्रि के समय इस जंगल सफारी में पर्यटकों को कई बार गुलदार दिखाएं देने से उन्हें बेहद रोमांच का अनुभव होता है। उल्लासा कैफे की ओर से जंगल सफारी का आंनद आप जिप्सी बुक करके इस यात्रा का आनंद ले सकते है।

    ये हैं लैंसडौन के प्रमुख ट्रैकिंग रूट

    • लैंसडौन एसबीआइ बैंक से राठी प्वाइंट होते हुए डेरियाखाल तक (पांच किलोमीटर)।
    • कैंट कार्यालय के निकट चर्च रोड से झारापानी हवाघर होते हुए जयहरीखाल तक (सात किलोमीटर)।
    • टिफिन टाप से संतोषी माता मंदिर होते हुए झारापानी व हवाघर तक (चार किलोमीटर)।
    • जयहरीखाल मार्ग में हवाघर के निकट केंद्रीय विद्यालय से भुल्ला लेक होते हुए सदर बाजार (आठ किलोमीटर)।
    • सदर बाजार से धूरा होते हुए फतेहपुर तक (16 किलोमीटर)।
    • लैंसडौन से भैरवगढ़ी (18 किलोमीटर)।
    • लैंसडौन से जयहरीखाल-मैंदोली, मधुगंगेश्वर तक (20 किलोमीटर)।
    • लैंसडौन से डेरियाखाल, चुंडई, ताड़केश्वर मंदिर तक ( 30 किलोमीटर)।

    किस मौसम में आए यहां ट्रैकिंग पर 

    वैसे तो आप मार्च से लेकर जून माह तक गर्मियों के मौसम में कभी भी लैंसडौन आ सकते है, लेकिन सावन बीतने के बाद सितंबर अक्टूबर में प्रकृति अपने पूरे श्रृंगार में होती है। इस दौरान यहां का मौसम ज्यादा गर्म भी नही होता है, जो ट्रैकिंग के लिहाज से अनुकूल रहता है।

    ये रखें सावधानी

    ट्रैकिंग के समय आप कम समान अपने साथ रखें। नो ट्रैकिंग जोन में जाने से बचें। यदि आप ब्लड प्रेशर के मरीज है, तो चिकित्सक से परामर्श के बाद ही ट्रैकिंग करें। हेल्थ किट के साथ ही जूतों का विशेष ध्यान रखें। कपड़ो का चयन मौसम के अनुसार करें। पर्याप्त मात्रा में पानी रखने के साथ जिस रूट में आप ट्रैकिंग कर रहे है, उसकी पूरी जानकारी रखें। यदि संभव हो तो गाडड को साथ रखना बेहतर होगा।

    कैसे पहुंचे लैंसडौन

    लैंसडौन आने के लिए आपको सबसे पहले कोटद्वार आना होगा। आप दिल्‍ली यहां ट्रेन और बस या अपने वाहन से आ सकते हैं। कोटद्वार से लैंसडौन की दूरी 42 किलोमीटर है।

    अशोक थपलियाल (पर्यटन व्यवसायी) कहा कहना है कि इन दिनों धुमक्कड़ पर्यटन व जंगल सफारी की ओर पर्यटकों का रूझान तेजी से बढ़ा है। हम यहां आने वाले पर्यटकों को ट्रैकिंग रूट में धुमाने के लिए गाइड उपलब्ध करवाने के साथ ही जिप्सी से जंगल सफारी भी करवा रहे हैं।