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    Landslide Uttarakhand: लाइफ लाइन पर यातायात ठप होने से फंसी एंबुलेंस में चार घंटे तक तड़पता रहा मरीज, सैंकड़ों वाहन फंसे

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 08:02 PM (IST)

    कालसी-चकराता स्टेट हाईवे पर भूस्खलन से जाम लग गया जिससे सैकड़ों वाहन फंस गए। एक एंबुलेंस में सत्तर वर्षीय बुजुर्ग मरीज समय पर इलाज के लिए तड़पता रहा। लगातार बारिश से मार्ग बाधित है जिससे किसान भी परेशान हैं क्योंकि वे अपनी फसलें मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। लोनिवि साहिया की अभियंता ने भूस्खलन का जायजा लिया और ट्रीटमेंट की बात कही।

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    कालसी चकराता स्टेट हाईवे पर चार घंटे तक लगा रहा जाम

    भगत सिंह तोमर, साहिया (देहरादून)। जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी चकराता स्टेट हाईवे पर जजरेड की पहाड़ी से मलबा आने से यातायात ठप होने से सैकड़ों वाहन दोनों ओर फंसे रहे। जाम में फंसी एंबुलेंस में सत्तर वर्षीय बुजुर्ग समय पर उपचार के लिए तड़पता रहा। ट

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    यहां तक की मरीजों व किसानों को भी चार घंटे तक इंतजार करते रहे।चकराता के क्वांसी से एक मरीज को लेकर चली 108 सेवा एंबुलेंस में सवार मरीज को भी जजरेड में सड़क खुलने का इंतजार करना पड़ा।

    पिछले दो दिनों से हो रही क्षेत्र में भारी बारिश से जहां जन जीवन अस्त व्यस्त हैं। वहीं कालसी चकराता स्टेट हाईवे के बार बार बंद होने से लोग खासे परेशान हैं।

    मंगलवार दोपहर तीन बजे से कालसी चकराता मोटर मार्ग जजरेड के समीप पहाड़ी से भारी मलबा आने से बंद हो गया था। जिसको देर रात साढ़े 10 बजे खोलकर फंसे वाहनों को कालसी थाने की पुलिस ने सकुशल निकलवाया था।

    बुधवार सुबह मूसलधार वर्षा के चलते करीब 11 बजे फिर से जजरेड में मोटर मार्ग बंद हो गया। लगातार पहाड़ से पत्थर, मलबा गिरता रहा। सड़क की सुरक्षा के लिए लगाया गया आरसीसी ब्लाक का एक हिस्सा भी टूट गया। जिससे सड़क पर हादसे का खतरा बढ़ गया।

    मलबा हटने के बाद बुधवार को अपरान्ह करीब दो बजे यातायात सुचारू हो पाया। मोटर मार्ग बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को अपनी नगदी फसलों को मंडियों तक पहुंचाने में हुई। साथ ही मरीज भी बेहाल रहे। सुबह 10 बजे क्वांसी से विकासनगर के लिए 108 सेवा एम्बुलेंस से कृपा 70 पुत्र पुरकु को ले जाया जा रहा था।

    घर में पैर फिसलने से चोटें आने व एक पैर में फैक्चर के कारण सीएचसी चकराता से उसे हायर सेन्टर के लिए रेफर किया गया था।

    जजरेड में 11 बजे से 2 बजे तक फंसे रहना पड़ा, हालांकि 108 कर्मियों ने अपना उपचार दिया। लोनिवि साहिया की अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल ने भी मौके पर जजरेड में भूस्खलन का जायजा लिया। कहा कि ट्रीटमेंट के बाद ही यह समस्या हल हो सकेगी।

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