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    Lakhwad Dam Project बना उत्‍तराखंड के इस गांव के लिए खतरा, मकानों में पड़ी दरार; भूकंप की तरह कांप रही जमीन

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 02:20 PM (IST)

    Lakhwad Dam Project टिहरी जिले के पाली गांव में कई मकानों में दरारें आ गई हैं। ग्रामीणों ने लखवाड़ बांध परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान विस्फोटक के इस्तेमाल को इसका कारण माना है। जांच के लिए सीबीआरआइ का यूजेवीएनएल के साथ एमओयू हुआ है। टीम भवनों और कृषि भूमि पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन भी कर रही है।

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    Lakhwad Dam Project: टिहरी के पाली गांव में मकानों में दरार चेक करने को लगाए उपकरण। जागरण

    जागरण संवाददाता, विकासनगर । Lakhwad Dam Project: टिहरी जिले की नैनबाग तहसील के पाली गांव में कई मकानों में दरारें आ गई हैं। ग्रामीणों ने लखवाड़ बांध परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान विस्फोटक के इस्तेमाल को इसका कारण माना है।

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    ग्रामीणों की चिंता को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) रुड़की के विज्ञानियों, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम शनिवार को गांव पहुंची। टीम ने मकानों का जायजा लिया और दरार की स्थिति का पता लगाने के लिए सेंसर उपकरण लगाए।

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    जांच के लिए सीबीआरआइ का यूजेवीएनएल के साथ एमओयू हुआ

    भूधंसाव वाली प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष क्षति का आकलन और प्रभाव की तकनीकी जांच के लिए सीबीआरआइ का यूजेवीएनएल के साथ एमओयू हुआ है। यूजेवीएनएल के अधिशासी अभियंता विपिन डंगवाल के अनुसार सीबीआरआइ की टीम गांव जाकर जांच कर रही है।

    पता लगाया जा रहा है कि वर्तमान में परियोजना निर्माण के दौरान यहां पर किसी तरह के खतरे की बात तो नहीं है। गांव के मकानों पर सेंसरयुक्त उपकरण लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीम की रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक स्थिति पता लग सकेगी। टीम भवनों और कृषि भूमि पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन भी कर रही है। प्रभावित क्षेत्र की मिट्टी के नमूने एकत्र किए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा।

    जांच टीम में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान के प्रधान विज्ञानी डा. मनोजीत समांता, डा. शशांक भटनागर, तकनीकी अधिकारी मनीष मीणा, तकनीकी सहायक हेमंत कुमार, रिसर्च स्कालर वैभव मित्तल, यूजेवीएनएल डाकपत्थर के सहायक अभियंता संदीप असवाल शामिल हैं।

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    ग्रामीणों ने कहा, भूकंप जैसा कंपन

    ग्रामीणों का कहना है कि बांध के लिए सुरंग निर्माण के दौरान जो विस्फोट किए जा रहे थे, उसकी ध्वनि और कंपन भूंकप के झटके जैसी थी। पाली कंडरियाज विकास समिति के अध्यक्ष जोध सिंह रावत और कोषाध्यक्ष सरदार सिंह चौहान ने कहा कि लखवाड़ बांध परियोजना के निर्माण कार्य में विस्फोटों के कारण ग्राम पाली के मकानों, आंगन व खेतों में दरारें उभर आई हैं।

    सरदार सिंह रावत ने बताया कि लोग अपने मकानों से बाहर निकल आए थे। इसके बाद से कम शक्ति के विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है। समिति के पुष्कर सिंह, अजीत, प्रदीप सिंह रावत, शुभम रावत और आदेश चौहान आदि ने समस्या के निदान की मांग की।