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    Haridwar Kumbh में डिजिटल तकनीक का होगा भरपूर उपयोग, मार्गों से लेकर स्नान घाटों तक की मिल सकेगी जानकारी

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 03:52 PM (IST)

    Haridwar Kumbh उत्तराखंड सरकार 2027 में होने वाले हरिद्वार अर्धकुंभ को डिजिटल बनाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग कई कदम उठा रहा है जिसमें इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर की स्थापना बहुभाषी मोबाइल ऐप डिजिटल पहचान प्रणाली ड्रोन से निगरानी और वर्चुअल गंगा स्नान जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसका उद्देश्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ प्रदान करना है।

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    डिजिटल कुंभ की दिशा में कदम बढ़ा रहा है सूचना प्रौद्योगिकी विभाग। फाइल फोटो

    विकास गुसाईं, जागरण, देहरादून। प्रदेश सरकार हरिद्वार में वर्ष 2027 में होने वाले अर्द्धकुंभ को स्मार्ट एवं सुरक्षित डिजिटल कुंभ बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। कुंभ के संचालन से लेकर यात्रियों की सुविधा में डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जाएगा, ताकि सहज, सरल और त्वरित व्यवस्था श्रद्धालुओं को उपलब्ध हो सके। प्रदेश में वर्ष 2027 में अर्द्धकुंभ होना है।

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    इसका क्षेत्र हरिद्वार से लेकर देवप्रयाग तक फैला है। ऐसे में कुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन के साथ ही अन्य व्यवस्था को बनाना काफी मशक्कत भरा होता है। इनमें यदि डिजिटल तकनीक का समावेश हो तो फिर श्रद्धालुओं एवं यात्रियों को अच्छी एवं स्मार्ट सुविधांए मिल सकेंगी।

    प्रदेश सरकार ने डिजिटल कुंभ की परिकल्पना की है। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग इस परिकल्पना को साकार करेगा। विभाग हरिद्वार में सभी विभागों के समन्वय के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना करेगा। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यात्रियों को कुंभ के स्नान समेत अन्य जानकारी देने के लिए बहुभाषी मोबाइल एप और वेबसाइट विकसित की जाएगी।

    कुंभ के दौरान बिछड़े हुए स्वजन को मिलाने के लिए डिजिटल लास्ट एंड फाउंड पोर्टल, डिजिटल आइडी सिस्टम व ई-पास बनाने की तैयारी है। पूरे क्षेत्र में नजर रखने के लिए ड्रोन आधारित बेस मैपिंग, सीसीटीवी व एआई कैमरों की जियो टैगिंग व सूचना प्रौद्योगिकी आधारित भीड़ निगरानी प्रणााली अपनाई जाएगी।

    साथ ही तीर्थयात्रियों के लिए वर्चुअल गंगा स्नान, सूचना कियोस्क, क्यूआर कोड युक्त साइनेज और सुरक्षित समान भंडारण जैसी सेवाएं भी प्रस्तावित की जा रही हैं। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने सभी विभागों को अपनी आवश्यकताओं, चुनौतियों, मानव संसाधन के संबंध में जानकारी देने को कहा है। सचिव सूचना प्रौद्योगिकी नितेश झा ने बताया कि यूकास्ट व यूसैक को इसकी जिम्मा दिया गया है। जल्द ही इसकी विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी।

    प्रदेश सरकार वर्ष 2027 को हरिद्वार में होने वाले अर्द्धकुंभ को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में कुंभ क्षेत्र की पूरी जीपीएस मैपिंग की जाएगी। साथ ही भीड़ प्रबंधन, निगरानी, डिजिटल लास्ट एंड फाउंड पोर्टल, डिजिटल आइडी सिस्टम, बहुभाषी मोबाइल एप बनाया जाएगी। उद्देश्य यह कि तकनीक का उपयोग यात्रियों की सहायता के लिए किया जा सके।