क्रांतिगुरु चंद्रमोहन पहले भी आते रहे हैं सुर्खियों में Dehradun News
परमधाम न्यास के अधिष्ठाता क्रांतिगुरु चंद्रमोहन बीते साल उस समय भी सुर्खियों में आए थे जब उनकी ओर से कुछ लोगों के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया गया था।
देहरादून, जेएनएन। जाति भेद को खत्म कर समाज में एकजुटता लाने का संदेश देने वाले परमधाम न्यास के अधिष्ठाता क्रांतिगुरु चंद्रमोहन बीते साल उस समय भी सुर्खियों में आए थे, जब उनकी ओर से मेरठ और मुजफ्फरनगर में कुछ लोगों के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया गया था। आरोप था कि कुछ लोगों ने रंगदारी न देने पर क्रांतिगुरु का कथित ऑडियो-वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इन मुकदमों में आरोपित एक शख्स क्रांतिगुरु पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता का करीबी है।
देहरादून पुलिस क्रांतिगुरु पर दर्ज मुकदमे में कार्रवाई करने से पहले उनसे जुड़े पुराने मामलों की भी फाइल पलट रही है। देहरादून में चंद्रमोहन पर पहला मुकदमा है, लेकिन मेरठ और मुजफ्फरनगर में उनकी ओर से दर्ज कराए गए मुकदमों के साथ अन्य मामलों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली एक महिला के करीबी समेत चार लोगों पर क्रांतिगुरु की ओर से रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कराया गया था।
आरोप था कि इन सभी ने क्रांतिगुरु का एक कथित ऑडियो-वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। क्रांतिगुरु की ओर से यह भी आरोप लगाया गया था कि उन सभी ने कथित क्लिप को सोशल मीडिया पर डालने से पहले रंगदारी मांगी थी। रंगदारी न देने पर उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया गया, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई। आश्रम से जुड़े लोगों का आरोप है कि क्रांतिगुरु की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे की रंजिश में उनके खिलाफ षडयंत्र रचा गया है। हालांकि, प्रकरण में परमधाम न्यास की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
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पत्नी-बच्चों के साथ आते थे क्रांतिगुरु
पुलिस ने शनिवार को घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद वहां मिले लोगों के बयान भी दर्ज किए। बताया कि क्रांतिगुरु यहां अक्सर पत्नी-बच्चों के साथ आते हैं। जिस दिन की घटना बताई जा रही है, उस दिन आश्रम में तीन से चार सौ लोग मौजूद थे और टिनशेड से क्रांतिगुरु के कक्ष की दूरी महज 50 मीटर है। यहां एक बात और सामने आई कि क्रांतिगुरु के प्रवास या गैरमौजूदगी के दौरान उनके कक्ष में सभी के लिए प्रवेश प्रतिबंधित रहता है। वही शख्स उनके कक्ष में जा सकता है, जिसे उन्होंने खुद बुलाया हो।
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