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    केदारघाटी में सहस्त्रधारा की तर्ज विकसित होगा हेलीपोर्ट, स्थापित किए जाएंगे वेदर स्टेशन और विंड डायरेक्शन इंडीकेटर

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 08:27 AM (IST)

    उत्तराखंड सरकार केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाओं को सुरक्षित करने के लिए केदार घाटी में सहस्रधारा की तर्ज पर हेलीपोर्ट बनाएगी। यूकाडा ने सरकार से अनुमत ...और पढ़ें

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    विकास गुसाईं, देहरादून। प्रदेश सरकार अब केदारनाथ धाम के लिए संचालित होने वाली हेली सेवाओं को और सुरक्षित और व्यवस्थित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इस कड़ी में केदार घाटी में सहस्रधारा की तर्ज पर हेलीपोर्ट विकसित किया जाएगा।

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    इसमें वेदर स्टेशन, विंड इंडीकेटर व सर्विलांस कैमरे समेत तमाम तकनीकी सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जो हेलीपोर्ट के लिए आवश्यक हैं। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने इसके लिए सरकार से अनुमति प्राप्त कर ली है। अब जल्द इसके लिए जमीन चिह्नित की जाएगी।

    प्रदेश में इस वर्ष पहले चरण की चारधाम यात्रा में हेली दुर्घटनाओं के बाद हेली सेवाओं के संचालन को और सुरक्षित करने पर जोर दिया गया था। यही कारण रहा कि सितंबर में शुरू हुई दूसरे चरण की यात्रा में महानिदेशक नागरिक उड्डयन कार्यालय (डीजीसीए) ने हेली संचालन के लिए मानकों में बदलाव किया।

    नतीजतन दूसरे चरण की यात्रा सकुशल संपन्न हुई। अब अगले वर्ष अप्रैल में फिर से चारधाम यात्रा शुरू होनी है। ऐसे में यूकाडा अभी से इसकी तैयारियों में जुट गया है। इसके लिए यूकाडा की लगातार डीजीसीए से वार्ता चल रही है। इसके बाद केदारघाटी में सहस्रधारा की तर्ज पर हेलीपोर्ट बनाने पर विचार किया जा रहा है।

    यहां सीसी कैमरा, वेदर स्टेशन, वेदर कैमरा, एंबुलेंस की व्यवस्था, यात्रियों की सुरक्षा, विंड डायरेक्शन इंडीकेटर लगाए जाएंगे। इसका एक लाभ यह होगा कि सभी हेली सेवाएं एक ही स्थान से संचालित हो सकेंगी। इससे यात्रियों को भी राहत मिलेगी। अभी केदारनाथ के लिए फाटा, सिरसी और गुप्तकाशी में बने हेलीपैड से हेली सेवाओं का संचालन किया जाता है।

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    अगले वर्ष नियंत्रित होगी हेली सेवा

    इस वर्ष चारधाम यात्रा के दूसरे चरण में हेली सेवाओं को नियंत्रित करते हुए इनके फेरों में कटौती की गई थी। जिससे यात्रियों की संख्या में 30 प्रतिशत कटौती हुई। इससे हेली सेवाओं का किराया भी बढ़ा। आगामी यात्रा को भी इसी क्षमता के साथ संचालित करने की तैयारी है। इससे किराये में वृद्धि हो सकती है।

    ‘केदार घाटी में सहस्रधारा की तर्ज पर हेलीपोर्ट विकसित करने पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही यहां जमीन चिह्नित करने का कार्य शुरू किया जाएगा।’

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    -आशीष चौहान, सीईओ यूकाडा।