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    Badrinath Yatra 2023: ...तो क्या बदरीनाथ यात्रा के लिए जोशीमठ मार्ग ही एकमात्र विकल्प है? बन रहा ये प्‍लान

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Tue, 24 Jan 2023 09:22 AM (IST)

    Badrinath Yatra 2023 जोशीमठ भूधंसाव के बीच इस बार भी बदरीनाथ यात्रा का संचालन जोशीमठ मार्ग से हो सकता है। जोशीमठ में आई आपदा के दृष्टिगत इस बार चारधाम यात्रा का स्वरूप कुछ बदला-बदला सा हो सकता है।

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    Badrinath Yatra 2023: जोशीमठ आपदा के दृष्टिगत इस बार चारधाम यात्रा का स्वरूप कुछ बदला-बदला सा हो सकता है।

    टीम जागरण, देहरादून: Badrinath Yatra 2023: जोशीमठ भूधंसाव के बीच इस बार भी बदरीनाथ यात्रा का संचालन जोशीमठ मार्ग से हो सकता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि भूधंसाव से हेलंग से मारवाड़ी बाईपास भी प्रभावित हुआ है और इसका निर्माण पूरा होने में ढाई साल का समय लग सकता है।

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    मारवाड़ी पुल के पास बदरीनाथ हाईवे से मिलता है यह बाईपास

    हेलंग से मारवाड़ी बाईपास की लंबाई लगभग छह किलोमीटर है। यह जोशीमठ में मारवाड़ी पुल के पास बदरीनाथ हाईवे से मिलता है। जोशीमठ शहर पर जन दबाव कम करने के उद्देश्य से इसका निर्माण कराया जा रहा है। इसके बनने पर बदरीनाथ की दूरी लगभग 27 किलोमीटर कम हो जाएगी।

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    लेकिन भूधंसाव से चारधाम आल वेदर रोड परियोजना के तहत निर्माणाधीन बदरीनाथ हाईवे का हेलंग से मारवाड़ी बाईपास भी प्रभावित हुआ है। यह आधा दर्जन से ज्यादा स्थानों पर धंसा है।

    यदि इसके निर्माण पर लगी अस्थायी रोक हट भी गई तो निर्माण पूरा होने में दो से ढाई साल का समय लगना तय है। तो इस बार बदरीनाथ यात्रा जोशीमठ मार्ग से ही संचालित की जा सकती है।

    धारण क्षमता को ध्यान में रखकर संचालित होगी चारधाम यात्रा

    जोशीमठ में आई आपदा के दृष्टिगत इस बार चारधाम यात्रा का स्वरूप कुछ बदला-बदला सा हो सकता है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा विधिवत होगी, इसकी तैयारी चल रही है।

    चारों धामों की धारण क्षमता को ध्यान में रखकर यात्रा संचालित की जाएगी। साथ ही, जोड़ा कि बदरीनाथ धाम की यात्रा को नियंत्रित स्वरूप में चलाने समेत सभी पहलुओं पर सरकार विचार कर रही है। चारों धामों के कपाट खुलने की तिथियां तय होने के बाद यात्रा के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

    कैबिनेट मंत्री महाराज ने सुभाष रोड स्थित कार्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि जोशीमठ के घटनाक्रम का चारधाम यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जोशीमठ की समस्या हल करने के लिए सरकार पुरजोर प्रयास कर रही है।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसमें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के कुछ हिस्से में भूधंसाव की समस्या है। बदरीनाथ की तरफ और जोशीमठ के आसपास की पहाड़ियों के लिए कोई खतरा नहीं है।

    महाराज ने कहा कि वह पहले से ही इस बात पर जोर देते आए हैं कि चारधाम यात्रा का संचालन चारों धामों के साथ ही प्रमुख पड़ावों की धारण क्षमता को ध्यान में रखकर ही होना चाहिए। इस बार इसी के अनुरूप कदम उठाए जाएंगे।

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    उन्होंने कहा कि बदरीनाथ यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव जोशीमठ में जनदबाव कम करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस पर भी जोर रहेगा कि अन्य प्रदेशों से आने वाले बुजुर्ग श्रद्धालु धामों में दर्शन करने से पहले एक-दो दिन यहां की जलवायु के अनुरूप स्वयं को ढाल लें।

    महाराज ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा केंद्र औली पूरी तरह से सुरक्षित है। फरवरी में वहां विंटर गेम्स कराए जाएंगे। इसे लेकर विमर्श चल रहा है।

    गत वर्ष धड़ाम हो गई थी व्यवस्था

    चारधाम यात्रा में गत वर्ष भी धारण क्षमता के अनुरूप संचालन पर जोर दिया गया था, लेकिन बाद में यात्रियों के बढ़े दबाव को देखते हुए ऐसा नहीं हो पाया था। यद्यपि, तब इसके लिए उस हिसाब से तैयारी नहीं हो पाई थी, जिसकी दरकार है।

    जोशीमठ के आपदा प्रभावितों की मदद को हाथ बढ़ाने लगी कंपनियां

    चमोली जिले के आपदाग्रस्त जोशीमठ में राहत कार्य चल रहे हैं तो विज्ञानी आपदा के कारणों की तह तक पहुंचने के मद्देनजर अध्ययन में जुटे हैं। आपदा प्रभावितों के अस्थायी पुनर्वास के साथ ही उनके स्थायी पुनर्वास को लेकर सरकार ने कसरत तेज कर दी है। इस परिदृश्य के बीच राहत कार्यों में सहयोग के लिए तमाम कंपनियां व संस्थान आगे आने लगे हैं।

    इसी कड़ी में एमआर ग्रुप आफ कंपनीज ने प्रभावितों के लिए सौ प्री-फेब्रिकेटेड घरों का निर्माण सीएसआर मद से कराने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा है। अब इन कंपनियों व संस्थानों के अधिकारियों से वार्ता कर आगे कदम बढ़ाएंगे। एमआर ग्रुप के अधिकारी तो मंगलवार को वार्ता के लिए देहरादून पहुंच रहे हैं।

    मुख्यमंत्री कार्यालय सक्रिय

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्यमंत्री कार्यालय जोशीमठ में चल रहे राहत व पुनर्वास कार्यों के साथ ही विज्ञानियों के अध्ययन की निरंतर मानीटरिंग कर रहे हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने राहत व पुनर्वास संबंधी कार्यों में विभिन्न कंपनियों व संस्थानों का सीएसआर मद में सहयोग लेने की दिशा में भी सक्रियता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय में इसके लिए अलग से टीम गठित की गई है।