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    Jagran Samvadi Dehradun: 'जागरण संवादी' में साहित्य, तकनीक और राजनीति का समागम

    Updated: Sun, 29 Jun 2025 08:40 AM (IST)

    Jagran Samvadi Dehradun देहरादून में जागरण संवाद का भव्य आयोजन हुआ जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे दैनिक जागरण की अनूठी पहल बताया। उन्होंने कहा कि यह मंच समाज और राष्ट्र की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अवसर पर जागरण की काफी टेबल बुक का विमोचन हुआ और एक संहिता नारी के लिए पुस्तक का कवर लॉन्च किया गया।

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    मसूरी रोड स्थित फेयरफील्ड बाय मैरियट होटल में शनिवार को दो दिवसीय अभिव्यक्ति के उत्सव जागरण संवादी का उद्घाटनl-जागरण

     जागरण संवाददाता, देहरादून। Jagran Samvadi Dehradun: अभिव्यक्ति के उत्सव ‘जागरण संवादी’ की शनिवार को दून में भव्य शुरुआत हो गई। यह लगातार दूसरा मौका है, जब दून में संवादी का आयोजन हो रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘जागरण संवादी’ हिंदी के सबसे बड़े समाचार पत्र दैनिक जागरण की अभिनव पहल है। संवादी के मंच पर विषय विशेषज्ञों से चर्चा कर जो सार निकलता है, वह समाज एवं राष्ट्र की दशा एवं दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है। जागरण समाज में सकारात्मकता लाने के लिए तमाम चुनौतियों के बीच से निकलकर जिस जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है, उसका संदेश बहुत व्यापक है।

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    इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जागरण की ‘काफी टेबल बुक’ का विमोचन और सामाजिक कार्यकर्ता एवं समान नागरिक संहिता की ड्राफ्ट कमेटी के सदस्य रहे मनु गौड़ की समान नागरिक संहिता पर केंद्रित पुस्तक ‘एक संहिता नारी के लिए’ का कवर भी लांच किया। ‘हिंदी हैं हम’ अभियान के तहत मसूरी रोड स्थित फेयरफील्ड बाय मैरियट में दो दिवसीय जागरण संवादी का उद्घाटन मुख्यमंत्री धामी, पर्यावरणविद् पद्मभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी व गीतकार एवं कवि प्रसून जोशी ने दैनिक जागरण के संस्थापक स्व. पूर्णचंद गुप्त, पूर्व प्रधान संपादक स्व. नरेंद्र मोहन व मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।

    इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड देश का अग्रणी राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बीते 11 साल में जिस तरह देश ने हर क्षेत्र में उन्नति के नए सोपान गढ़े हैं, उसी तरह उत्तराखंड भी एक माडल राज्य के रूप में उभरकर सामने आया है। प्रदेश सरकार ने यूसीसी समेत तमाम प्रभावशाली कदम उठाकर राज्य को नई दिशा देने का कार्य किया है। पर्यटन व ऊर्जा के क्षेत्र में भी सरकार लगातार निर्णायक कदम उठा रही है।

    इससे आने वाले समय में उत्तराखंड एक आत्मनिर्भर राज्य बनकर देशभर में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार के विकास कार्यों पर जनता ने भरोसा जताया है और यही उनकी ताकत भी है। पद्मभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में जीईपी लागू कर प्रदेश सरकार ने अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय दिया है। यहां की हवा, मिट्टी व पानी को लेकर मुख्यमंत्री धामी का अपना अलग दृष्टिकोण है और यही सोच भविष्य में देश ही नहीं, संपूर्ण विश्व के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगी।

    उन्होंने कहा कि संवादी ने साबित किया है कि सही मायने में हिंदी हमारी पहचान है। हिंदी हमारे व्यवहार, संस्कार व संस्कृति में रची-बसी है। गीतकार एवं कवि प्रसून जोशी ने कहा कि प्रकृति छल नहीं, संघर्ष करना सिखाती है और यही एक सच्चे उत्तराखंडी की पहचान है। प्रकृति से स्पर्धा करना उत्तराखंड का स्वभाव नहीं, यहां के लोग तो प्रकृति से तालमेल बनाकर आगे बढ़ते हैं।

    कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि उत्तराखंड की बोली-भाषाओं का स्वर मंथर न हो, क्योंकि यही हमारी जड़ें हैं। उन्होंने अपनी कविता ‘यह भारत का उदय है, उदय में एक लय है, यहां हमको पता है सृष्टि क्या है, यहां हमको पता है दृष्टि क्या है’ सुनाकर वाणी को विराम दिया।

    कार्यक्रम में दैनिक जागरण के एसोसिएट एडिटर अनंत विजय ने जागरण संवादी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और हिंदी हैं हम अभियान के तहत जागरण के विभिन्न आयोजनों की भूमिका को रेखांकित किया। पहले दिन छह सत्र में विभिन्न विषयों पर सारगर्भित संवाद हुए। पहले सत्र में ‘रचनात्मकता और एआइ’ विषय पर विज्ञापन गुरु प्रह्लाद कक्कड़ और मकेन के चेयरमैन प्रसून जोशी ने तर्कपूर्ण ढंग से अपनी बातें रखीं।

    लेखिका अमृता त्रिपाठी के साथ संवाद में उन्होंने कहा कि सृजन मनुष्य की मूल प्रवृत्ति है, जबकि एआइ समूह के विचारों को साररूप में प्रस्तुत कर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करता है। ‘जाति गणना और राजनीति’ विषय पर विमर्श को आगे बढ़ाते हुए भाजपा नेता गुरु प्रकाश पासवान और कांग्रेस नेता रागिनी नायक ने दैनिक जागरण के राज्य संपादक मनोज कुमार झा के साथ जाति गणना के हर पक्ष पर बेबाकी से चर्चा की।

    तीसरा सत्र पार्श्व गायिका हेमलता के फिल्मी सफर पर केंद्रित था। हेमलता और उनकी जीवनी लिखने वाले पत्रकार अरविंद यादव से संवाद किया संगीत अध्येता युनुस खान ने। संवादी के चौथे सत्र में एवरेस्ट विजेता मेघा परमार ने अपनी ‘एवरेस्टगाथा’ सुनाकर दून के एडवेंचर प्रमियों में जोश भरने का काम किया। पहले दिन का अंतिम सत्र प्यार के राही गीतकार समीर के ‘म्यूजिकल शो’ के नाम रहा।