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उत्‍तराखंड में निकट भविष्‍य में रास्ता भटके ट्रैकर और पर्वतारोहियों को ढूंढना होगा आसान, की जाएगी यह व्यवस्था

उत्तराखंड में आने वाले समय में रास्ता भटके ट्रैकर और पर्वतारोहियोंको ढूंढना आसान होगा। अब ट्रैकर और पर्वतारोहियों के लिए जीपीएस आधारित रिस्टबैंड की व्यवस्था की जाएगी। इससे सेटेलाइट और अन्य माध्यमों से उनकी लोकेशन की सही जानकारी मिल सके।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 10:25 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 10:25 AM (IST)
उत्‍तराखंड में निकट भविष्‍य में रास्ता भटके ट्रैकर और पर्वतारोहियों को ढूंढना होगा आसान, की जाएगी यह व्यवस्था
उत्तराखंड में निकट भविष्य में रास्ता भटके ट्रैकर व पर्वतारोहियोंको ढूंढना आसान होगा।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में निकट भविष्य में रास्ता भटके ट्रैकर व पर्वतारोहियोंको ढूंढना आसान होगा। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने गुरुवार को सचिवालय में हुई पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि ट्रैकर व पर्वतारोहियों के लिए जीपीएस आधारित रिस्टबैंड की व्यवस्था की जाए, ताकि सेटेलाइट व अन्य माध्यमों से उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके। आपात स्थिति में इससे सर्च आपरेशन में भी काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने पर्वतारोहियों व ट्रैकर की सुरक्षा को अन्य आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

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मुख्य सचिव ने बैठक में पर्यटन विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के साथ ही नए स्थलों के विकास के मद्देनजर उठाए जा रहे कदमों का ब्योरा लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा सीजनल होती है, लेकिन आफ सीजन टूरिज्म की यहां व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस सिलसिले में योजनाएं तैयार करें। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले कनेक्टिविटी पर फोकस किया जाए। हेलीपैड व हेलीपोर्ट की स्थापना की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने के साथ ही पर्यटन स्थलों में हेलीपैड विकसित करने के लिए प्राथमिकता तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पर्यटन विकास की संभावनाएं अधिक हैं और वे कनेक्टिविटी न होने के कारण पिछड़ रहे हैं तो उन क्षेत्रों को प्राथमिकता में लिया जाए।

सैलानियों की सुविधा को बनाएं एप

मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों पर 20-30 किमी के दायरे में पानी, शौचालय आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इन स्थानों पर छोटी-छोटी दुकानों की व्यवस्था भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पर्यटक स्थलों पर सभी वर्ग के सैलानियों के अनुसार सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। युवा वर्ग तकनीकी का प्रयोग अधिक करता है। इसे देखते हुए उसके लिए ऐसा एप या वेबसाइट बनाई जानी चाहिए, जिसमें पर्यटन से जुड़ी प्रत्येक जानकारी हो। एप या वेबसाइट को सिटीजन फ्रेंडली और इजी टू यूज बनाया जाए। साथ ही वृद्धजनों के लिए आफलाइन जानकारी की व्यवस्था होनी चाहिए।

विकसित हो जाएंगे अनेक नए पर्यटक स्थल

उन्होंने कहा कि सुविधाओं के अभाव के कारण जो क्षेत्र विकसित नहीं हो पा रहे, वहां रिसार्ट विकसित किए जा सकते हैं। शुरुआत में गढ़वाल मंडल विकास निगम व कुमाऊं मंडल विकास निगम के माध्यम से इन्हें चलाकर लाभ होने की स्थिति में बेचा जा सकता है। फिर इस राशि से नई जगह विकसित की जा सकती है। इससे राज्य में कई नए पर्यटक स्थल विकसित हो जाएंगे। उन्होंने ऐसे स्थलों के संबंध में प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सभी योजनाओं व कार्यों के लिए समय सीमा निर्धारित करने को कहा।

नियमित रूप से हो मानीटरिंग

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक योजना की साप्ताहिक अथवा पाक्षिक मानीटरिंग की जाए, ताकि निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण हो सकें। उन्होंने अधिकारियों को मार्केटिंग और प्रचार-प्रसार पर खास ध्यान देने के निर्देश भी दिए। बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत, सीईओ युकाडा स्वाति भदौरिया आदि मौजूद थे।

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