जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: International Yoga Festival: अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की तीसरी दिन अनूठी परंपराओं और संस्कृति के प्रदर्शन के नाम रही। इस दौरान तिमली नृत्य व पंचमहल के कलाकारों ने शानदार प्रदर्शन किया।

गुजरात का जनजातीय नृत्य जो आदिवासियों की समृद्ध और विविध कला के लिए जाना जाता है, का उत्कृष्ट प्रदर्शन यादगार रहा। नृत्यावली ग्रुप तथा परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने भी मनमोहक प्रस्तुतियां दी। वहीं भारत की प्राचीन विधा मलखंभ का विशेष प्रदर्शन भी किया गया।

गंगा तट पर देश-विदेश के योग साधकों तथा अतिथियों ने कार्यक्रमों का लुत्फ उठाया। वहीं देश विदेश से आए साधकों ने योग साधना की। इस दौरान उनकी योग मुद्राओं ने हर किसी का मन मोह लिया।

वहीं अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पहुंचे केंद्रीय आयुष, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री भारत सरकार सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि योग में प्रेम की शक्ति है, प्रेम ही योग है और यह केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं है बल्कि पूरी मानवता और सभी जीवों के लिए वरदान है। योग के माध्यम से सभी के दिलों में इंसानियत को जागृत किया जा सकता है।

परमार्थ निकेतन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने देश व दुनिया से पहुंचे योग साधकों को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन में बड़ी ही खूबसूरती से अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया गया है, यह देखकर अत्यंत आश्चर्यचकित हूं! वास्तव में यह अलौकिक है, वास्तव में यह ग्लोबल आयोजन है। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन विगत तीन दशकों से कर रहा है।

इस बार 90 देशों से प्रतिभागी इस वैश्विक आयोजन का हिस्सा बने हैं। अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में इतने देशों का प्रतिभाग होना अर्थात यह महोत्सव वास्तव में शांति को पूरे विश्व में प्रसारित करता है।

उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन योग का केंद्र ही नहीं है बल्कि जीवन की एक प्रयोगशाला है। परमार्थ निकेतन की गंगा आरती विश्व प्रसिद्ध है जो पूरे विश्व को जल, पर्यावरण, शांति और समरसता का संदेश देती हैं।

परमार्थ निकेतन केवल भारत के मानचित्र पर ही स्थान नहीं रखता बल्कि वैश्विक मानचित्र पर भी इसकी अपनी विशेष पहचान है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने एम्स, ऋषिकेश में योग और वेलनेस कार्यक्रम की शुरुआत की हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास वह शक्ति है कि जो पूरे विश्व को दिशा दे सकती है। इसलिए कहता हूं कि भारत ही महान है।

मां गंगा पवित्रता की प्रतिमूर्ति: पद्मश्री कैलाश खेर

विश्व विख्यात आध्यात्मिक सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रस्तुति देने के बाद शुक्रवार को विदा ली। इस दौरान अपने संदेश में उन्होंने कहा कि मां गंगा पवित्रता की प्रतिमूर्ति है। उस पवित्रता को धारण करने के लिए हमें मस्तिष्क से थोड़ा हटना होगा।

यदि हम अपने भीतर के परमात्मा को जीवित रखेंगे तो गंगा अनवरत हमारे साथ है और हमारे साथ रहेगी। हमारे जीवन भर के लिए हमारे भीतर ही बह रही है। उन्होंने कहा कि उदास कभी रहना नहीं, जब तक जियो तो खुल के जियो।

Edited By: Nirmala Bohra