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    International Women's Day 2022 : चुनौतियां पार कर बुलंदियों को छू रही उत्‍तराखंड की महिलाएं, पढ़िए इनकी सफलता की कहानी

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Tue, 08 Mar 2022 07:47 AM (IST)

    International Womens Day 2022 Latest News आज आठ मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपके लिए उत्‍तराखंड की कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में बता रहे हैं ज ...और पढ़ें

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    International Women's Day 2022 Hindi News उत्तराखंड की महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर अपनी पहचान बना रही हैं।

    जागरण संवाददाता, देहरादून : International Women Day उत्तराखंड की महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर देश दुनिया में पहचान बना रही हैं। घर परिवार की जिम्मेदारी के साथ समाज की चुनौती पार कर उद्यम, खेल, माडलिंग, संस्कृति आदि क्षेत्र में कामयाबी की इबारत लिख रहीं हैं। दैनिक जागरण आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कुछ ऐसी ही मजबूत और सशक्त महिलाओं की कहानी पेश कर रहा है जो अलग-अलग क्षेत्रों में कामयाबी के झंडे गाड़कर समाज को नई दिशा दे रही हैं।

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    जज्बे का दूसरा नाम बछेंद्री पाल

    एवरेस्ट फतह करने वाले भारत की पहली महिला बछेंद्री पाल मूल रूप से उत्तरकाशी निवासी हैं। उन्होंने 1984 में एवरेस्ट अभियान के लिए चयन होने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनका एक ही सपना था एवरेस्ट फतह करना है। 29 वर्ष में उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर झंडा गाड़ा, इसके बाद बछेद्री पाल कई पर्वताराही के लिए मिशाल बन गईं। इन दिनों 67वें वर्ष की आयु में भी दल के साथ बछेंद्री 4600 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकल पड़ी हैं।

    लोक संगीत की सेवा से राज्य को पहचान दिला रही माधुरी

    मूल रूप से पौड़ी जिले के यमकेश्वर के चाय दमराड़ा निवासी पद्मश्री डा. माधुरी बड़थ्वाल वर्तमान में देहरादून के बालावाला में रहती हैं। उत्तराखंड के लोक संगीत के संरक्षण और प्रचार के लिए निरंतर कार्य कर रहीं डा. माधुरी आल इंडिया रेडियो के नजीबाबाद केंद्र की पहली महिला संगीतकार रहीं हैं। स्कूली दिनों में उन्हें जब इस बात का भान हुआ कि समाज में लड़कियों के गाने को लेकर अच्छी धारणा नहीं है, तो उन्होंने महिलाओं को संगीत में आगे बढ़ाने का मन बना लिया। रूढिय़ों को तोडऩे के लिए उन्होंने मनु लोक सांस्कृतिक धरोहर संवर्धन संस्थान नाम की मांगल टीम बनाई। आज यह टीम उत्तराखंड की नहीं अन्य राज्यों में अपनी प्रस्तुति दे रही है। इसके अलावा वह महिलाओं को गायन, वादन के लिए प्रेरित करने के साथ प्रशिक्षण भी दे रहीं हैं। वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा। जबकि इसी वर्ष उन्हें पद्मश्री मिला।

    देश-दुनिया में प्रदेश का मान बढ़ा रहीं स्नेह राणा

    भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य देहरादून निवासी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर स्नेह राणा का यह सफर आसान नहीं रहा है। जीवन में तमाम उतार चढ़ाव आए, लेकिन अपनी लगन व दृढ़ इच्छाशक्ति से उन्होंने जीवन की कठिनाइयों को बौना साबित किया। 2021 में इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में चुनी गई स्नेह ने अपने शानदार प्रदर्शन से देश-दुनिया में प्रदेश का मान बढ़ाया।

    गांवों के युवकों के साथ अभ्यास कर बनीं नेशनल चैंपियन

    पौड़ी जिले के जहरीखाल ब्लाक में मेरूड़ा गांव निवासी अंकिता ध्यानी छोटी सी उम्र में फौज की तैयारी कर रहे गांव के युवकों के साथ दौड़ती थी। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली अंकिता 16 साल की उम्र में नेशनल जूनियर स्कूल गेम्स में 1500 मीटर और पांच हजार मीटर वर्ग दौड़ में राष्ट्रीय चैंपियन बनीं। अंकिता की मेहनत और संघर्ष का ही फल है कि अब तक वह 15 गोल्ड, दो सिल्वर जबकि एक ब्रांज मेडल जीत चुकी हैं।

    माडलिंग का चमकता सितारा स्मृति सिलवाल

    सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही उत्तरकाशी के नौगांव विकासखंड की स्मृति सिलवाल के लिए माडलिंग करने का निर्णय लेना आसान नहीं था, लेकिन कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से आज स्मृति इस मुकाम पर हैं कि जिससे हर उत्तराखंडी को गर्व महसूस हो। चैनल वी के रिएलिटी टीवी शो मेगा माडल ग्लैडरैग्स में अपनी कला और प्रतिभा का बखूबी परिचय दे चुकी स्मृति अभी कई शो और माडलिंग इवेंट कर रही हैं। अभिनेता जान अब्राहम, डिनो मौर्या व अभिनेत्री कंगना रनौत को स्टार बनाने वाली ग्लैडरैग्स एकेडमी में स्मृति के ब्यूटी विद ब्रेन को खूब सराहा गया।

    खुद दिखाई हिम्मत तो मिलने लगा सहारा

    पटेलनगर निवासी कमलप्रीत कौर आज एलईडी बल्ब बनाने वाली कंपनी चला रही हैं और इससे 12 महिलाओं को रोजगार मिला है जबकि तीन हजार से ज्यादा प्रशिक्षण ले चुकी हैं। खास बात यह है कि सुद्धोवाला जेल के 30 कैदियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें भी बल्ब बनाना सिखा रही हैं। यह सब कमलप्रीत की हिम्मत की बदौलत हुआ। वर्ष 2015 में उद्योग विभाग से लोन लेकर घर पर ही कच्चा माल लाकर एलईडी बल्ब बनाने का कार्य शुरू किया। इसके बाद काम बढ़ा तो सेलाकुई के लांघा में 'औरा' नाम से छोटी सी फैक्ट्री खोल दी।

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    ”अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” के अवसर पर मातृशक्ति को हार्दिक शुभकामनाएं। महिलाएं समाज एवं राष्ट्र के निर्माण हेतु महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। नारी शक्ति को सबल, सक्षम, आत्मनिर्भर एवं शिक्षित बनाना हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। इस विशेष दिवस पर मातृशक्ति को शत शत नमन। #InternationalWomensDay - Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) 8 Mar 2022