लोकसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड में घटे हैं एक लाख से अधिक मतदाता
लोकसभा चुनावों के बाद मतदाताओं की संख्या में खासी कमी देखने को मिली है। इस अवधि में 106983 मतदाता कम हुए हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में लोकसभा चुनावों के बाद मतदाताओं की संख्या में खासी कमी देखने को मिली है। इस अवधि में 106983 मतदाता कम हुए हैं। हालांकि, विभाग का तर्क है कि यह संख्या मतदाताओं के शिफ्ट होने, डुप्लीकेट मतदाताओं को हटाने और मतदाताओं की मृत्यु होने के कारण कम हुई है।
राज्य निर्वाचन कार्यालय की ओर से जारी अनंतिम मतदाता सूची में इसकी पुष्टि हुई है। अब विभाग ने इस मतदाता सूची में 26 जनवरी तक दावे और आपत्तियां आमंत्रित की हैं। इस अवधि में 18 साल पूरे करने वाले आवेदक अपना नाम शामिल करा सकते हैं। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि 26 जनवरी तक दावों में लोग अपने निवास बदलने की सूचना या सूची में त्रुटि की ओर ध्यान आकर्षित करा सकते हैं। 27 जनवरी को दावे और आपत्तियों का निस्तारण कर दिया जाएगा।
चार फरवरी तक सूची में संशोधन किया जाएगा और सात फरवरी को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 1236 पोलिंग बूथ हैं। लोकसभा चुनावों के दौरान प्रदेश में कुल 7765423 मतदाता थे। अब यह संख्या 7658440 है। लोकसभा चुनावों के लिए जारी सूची से तुलना करें तो उत्तरकाशी को छोड़ शेष सभी जिलों में मतदाताओं की संख्या घटी है। इसमें पुरुष और महिला मतदाता दोनों शामिल हैं।
मौजूदा अनंतिम सूची में 4000444 पुरुष, 3657781 महिला और 205 अन्य मतदाता शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार 14 लाख से अधिक निर्वाचकों के नए एपिक कार्ड बनाए गए हैं। इस प्रकार अब सभी मतदाताओं के नए एपिक कार्ड बन गए हैं। उन्होंने बताया कि नजदीकी जन सुविधा केंद्र में भी निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित करने और किसी त्रुटि को सही करा सकते हैं। यहां से डुप्लीकेट वोटर आइडी भी ली जा सकती है।
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